छत्तीसगढ़

कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव पर कृषक संगोष्ठी व प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

UNITED NEWS OF ASIA. रामकुमार भारद्वाज, फरसगांव | भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो कुशमैर, मऊ (उ.प्र.) एवं इंदिरा गाँधी कृषि विश्विद्यालय रायपुर, कृषि विज्ञान केन्द्र कोंडागांव के संयुक्त तत्वाधान में अनुसूचित जनजाति उप योजना अंतर्गत कृषक संगोष्ठी व प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र कोंडागांव परिसर में संपन्न हुआ।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कलेक्टर कुणाल दुदावत, मुख्य कार्यपालन अधिकारी कोंडागांव अविनाश भोई, आईसीआर-एनबीएआईएम के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार साहू, आईसीआर-एनबीएआईएम के एडमीनिस्ट्रेटिव ऑफिसर रजनीश मीना, तरुण साना, जनपद उपाध्यक्ष फरसगांव जदूराम नाग, पूर्वी बोरगांव सरपंच चन्द्रकला नेताम, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. ओम प्रकाश एवं जिले के किसानो के द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा एवं सूक्ष्मजीव की संक्षिप्त जानकारी वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. ओम प्रकाश ने दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर कुणाल दुदावत ने की तथा उन्होंने किसानो को संबोधित करते हुए कहा की फसल चक्र बहुत जरुरी है मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए दलहन, तिलहन फसल लगाने की जरुरत है। साथ ही लाभदायक सूक्ष्मजीव के साथ खेती करने की सलाह दिया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी कोंडागांव अविनाश भोई ने वैज्ञानिक विधि के साथ खेती करने के लिए किसानो को प्रेरित किया। जनपद उपाध्यक्ष फरसगांव जदूराम नाग ने समय समय पर प्रशिक्षण के माध्यम से नए तकनीको के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बारे में कहा।

आईसीआर-एनबीएएम के आईसीआर-एनबीएआईएम मऊ (उ.प्र.) के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद कुमार साहू ने कहा की सूक्ष्मजीव ब्यूरो पुरे भारत वर्ष के लिए काम करता है साथ ही साथ पुरे विश्व में इसकी संस्था स्थापित है। उन्होंने बताया की लाभदायक सूक्ष्मजीव पौधों और मिट्टी के बीच का माध्यम है जो ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पौधों के लिए पोषक तत्त्व प्रदान कराता है तथा मिट्टी को मजबूत बनता है, साथ ही साथ बीज बुआई के पूर्व बीजो का शोधन बहुत जरुरी है इससे फसल गुणवत्ता बढ़ता है तथा कहा की मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ने के लिए सूक्ष्मजीव की आवश्यकता है जिस पर किसानो को ध्यान देने की आवश्यकता है।

ऑफिसर रजनीश मीना ने बताया कि मिट्टी में लाभदायक सूक्ष्मजीव की उपस्तिथि से फसल की उत्पादकता व गुणवत्ता में अत्यधिक फर्क पड़ता है तथा भविष्य के लिए मिट्टी को मरने से बचाने के लिए खाद व कम्पोस्ट के साथ सूक्ष्मजीव (सुडोमोनस, अजेटोबेक्टर आदि) के प्रयोग को आवश्यक पड़ता है। विषय वस्तु विषेषज्ञ उद्यानिकी डॉ. सुरेश कुमार मरकाम ने फूलों, फलो तथा सब्जियों में सूक्ष्मजीव की महत्ता को बताया, पशुधन एवं प्रबंधन डॉ. हितेश कुमार मिश्रा ने पशुओ में टीकाकरण के बारे में जानकारी प्रदान की, कृषि मशीनरी एवं शक्ति अभियांत्रिकी डॉ. प्रिया सिन्हा ने कृषि कार्याे में उपयोगी उपकरणों के उपयोग व उनके रखरखाव के बारे में जानकारी प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान बोरगांव के जनप्रतिनिधि, पंचगण एवं कोंडागांव जिले के विभिन्न गावों से आए हुए किसान उपस्थित रहे।

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