
वह अपने दादा और पिता के बाद ‘खाकी’ लुक वाली परिवार की तीसरी पीढ़ी में शुमार हैं। वहीं एक अन्य नवनियुक्त अधिकारी ने अपने निवास स्थान पर अपने आईपीएस पत्नी को गौरवान्वित किया है।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में नवनियुक्त सहायक कमांडेंट के तौर पर जब शेरिल सिंहआई तो उनकी एक तरफ की रवैया में अधिकार उनके पति रखते थे तो दूसरी तरफ सेना में मेजर के तौर पर उनके भाई थे। वह अपने दादा और पिता के बाद ‘खाकी’ लुक वाली परिवार की तीसरी पीढ़ी में शुमार हैं। वहीं एक अन्य नवनियुक्त अधिकारी ने अपने निवास स्थान पर अपने आईपीएस पत्नी को गौरवान्वित किया है।
भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा की निगरानी करने वाले आईटीबीपी के 45 अधिकारी अधिकारियों की ‘पासिंग आउट परेड’ के बाद उत्तराखंड के मसूरी शहर में अधिकारियों की प्रशिक्षण अकादमी में बुधवार को आयोजित पारंपरिक फोटो शूट के दौरान कुछ ऐसे ही नजर में देखने को मिले। इन 45 में से 22 अधिकारी सामान्य कर्तव्य संवर्ग में सीधे प्रवेश पाने वाले अधिकारी हैं, जबकि शेष चिकित्सा, पशु चिकित्सा और आगंतुक संवर्ग के हैं, जो सशस्त्र सीमा रक्षक बल में शामिल होने से पहले अनिवार्य युद्धक पाठ्यक्रम करने के बाद अपना प्रशिक्षण पूरा किया।
ये अधिकारी सहायक पुलिस अधीक्षक के पद के समकक्ष सहायक कमांडेंट (AC) के रैंक में शामिल होंगे। आईटीबीपी में लगभग 90,000 कर्मचारी हैं। नवनियुक्त ए सी शेरिल सिंह के साथ उनके भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के पति, फ्लाइट लेफ्टिनेंट रॉबिन सिंह, और भाई मेजर मोहित दहिया उनके विशेष दिन को यादगार बनाने के लिए उपस्थित थे। मेजर दहिया सेना के पैरा स्पेशल फोर्स के एक कमांडो हैं। फोटो खिंचवाने के लिए उनके पास रुक नवनियुक्त सहायक कमांडेंट राकेश अरिगाला अपनी पत्नी के साथ थे।
आरिगाला की पत्नी स्वामी ईव पहले से ही एजीएमयूटी कैडर से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में उनके वरिष्ठ हैं। अधिकारी हरजीत सिंह की खुशी की ठिकाना नहीं था क्योंकि उनके पिता सज्जाकार सिंह, आईटीबीपी में एक कार्यरत उपनिरीक्षक और उनके नाना उपनिरीक्षक (आईटीबीपी से रिटायर) मोहन सिंह इस विशेष परिदृश्य पर उन्हें देखने के लिए मौजूद थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईटीबीपी के दावे (डीजी) अनीश दयाल सिंह थे, जो इस घटना के लिए दिल्ली से आए थे।
सहायक कमांडेंट के तौर पर अपने छोटे बेटे मिलन कुमार को पासिंग आउट परेड में बावर्दी देख उनकी मां वीना देवी की आंखें नम हो गईं। मिलन के बड़े भाई भी आईटीबीपी में ही डिप्टी कमांडेंट कार्यरत हैं। आईटीबीपी के सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) बिशन राम की गर्वीली खुशी तब किसी से छिपी नहीं रही जब उनकी बेटी पार्टनरथी ने उन्हें चटक सलामी दी। भागीरथी पशु चिकित्सा संवर्ग में एक अधिकारी के रूप में बल में शामिल हुए हैं। एक साल के लिए सुनिश्चित और विविध प्रशिक्षण के बाद ये अधिकारी अधिकृत तौर पर बल में विभिन्न संवर्गों में प्रतिबंधित किए जा सकते हैं।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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