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फेक वीडियो केस: यूट्यूबर मनीष कश्यप को पुलिस रिमांड पर भेजा, SIT से कई सवालों के जवाब की मांग

पटना: तमिलनाडु के फर्जी हिंसा वीडियो मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के शिकंजे में यूट्यूबर मनीष कश्यप आए (यूट्यूबर मनीष कश्यप) कोर्ट ने 24 घंटे की पुलिस रिमांड दी है। आर्थिक अपराध इकाई ने न्यायालय में आवेदन देकर 7 दिनों की रिमांड का दावा किया था। कोर्ट ने बुधवार से लेकर गुरुवार को सुबह 24 घंटे की रिमांड दी है। जांच करने वाली एजेंसी आर्थिक आपराधिक इकाई का कहना है कि कोर्ट में रिमांड की अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन दिया जाएगा। बता दें फर्जी वायरल वीडियो मामले में मनीष कश्यप के अलावा कुछ और भी YouTube गिरफ्तार किया गया गए हैं, जिनके नाम लंबे हैं और आने वाले दिनों में कुछ और यूट्यूबर गिरफ्तार किए जा सकते हैं।

इस मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी कई सवालों के जवाब ढूंढ रहे हैं। ऐसा तभी संभव है, जब मनीष कश्यप से रिमांड पर लंबी पूछताछ की जा सकती है। आर्थिक अपराध प्रणाली ने इस बात का पता लगा लिया कि तमिलनाडु का फर्जी वीडियो वायरल हो गया था किन-किन नेताओं ने सहयोग किया था या ऐसे नेताओं का क्या रोल था?

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दरअसल, बेतिया में सरेंडर करने के बाद जब मनीष कश्यप नोएडा पहुंचे थे। तब पूछताछ में यह स्पष्ट नहीं हो सकता कि फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने का मकसद क्या था। रविवार को आर्थिक अपराध इकाई ने सतना के बोरिंग रोड में सच तक के कम्यूनिकेशन के कार्यालय में मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में तब कंपनी के मालिक मनीष द्विवेदी बिरासा था।

सच तक संचार के कार्यालय से आर्थिक अपराध इकाई की टीम को डिजिटल साक्ष्य के साथ ले जाया गया था। इसी दौरान एक पेपर में कई कोचिंग क्लासेस से लेन-देन का होश बुक भी मिला है। इस लिपि में आर्थिक अपराध इकाई को रूपांतरण संशोधन के कई प्रमाण मिले हैं। आर्थिक अपराध इकाई सच तक के मालिक मणि द्विवेदी के खाते को भी खंगालने में जकड़ी हुई है।

टैग: बिहार के समाचार, पटना न्यूज

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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