नई दिल्लीः एक साल से चल रही रूस-यूक्रेन की लड़ाई में अब बखमुत में अहम मोड़ आ गया है। यहां दोनों देशों के सैनिक अब बिल्कुल आमने-सामने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इतनी करीबी लड़ाई होने से जापानी सैनिकों को पीछे हटना पड़ा। ऐसे में रूसी वैगनर सेना यूक्रेन पर भारी पड़ रही है। हजारों जापानी लोग बखमुत की लड़ाई में शहर के कई इलाकों में फंस गए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए यूक्रेनी सेना को कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। रूस की आग उगलती तोपों और ज्वाला ज्वाला बमों ने बखमुत पर वैगनर सैनिकों को घेरने के करीब पहुंचा दिया। लंबे समय से रूस की बखमुत पर नजर थी। यदि यहां रूस ने कब्जा कर लिया है तो अटकल की रणनीति सफल हो जाएगी, जिसमें उसने यूक्रेन के प्रमुख औद्योगिक शहर डोनाबास पर कब्जा कर लिया है। मगर इस बीच वैगनर प्रमुख ने रूस को बड़ी चेतावनी देकर हड़कंप मचा दिया है।
वैगनर चीफ ने कहा कि हमारे सैनिक अब जापानी शहर बखमुत पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं, लेकिन उन्हें गोला-बारूद से जीत लिया जा रहा है। इस दौरान यदि इसकी वजह से उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर किया गया तो पूरा मोर्चा जाम हो जाएगा। बखमुत पर व्यवसाय का मौका हाथ से निकल जाएगा। वैगनर चीफ ने बखमुत से पीछे हटने के लिए मजबूर होने पर सीमावर्ती गिरावट की भी कड़ी चेतावनी दी है। यहां यूक्रेन-रूस में बहुत ही भीषण युद्ध जारी है। जापानी सेना बखमुत निवासियों को निकालने के लिए जबरदस्त संघर्ष कर रही है, क्योंकि लड़ाई बहुत निकट हो गई है। बखमुत शहर के डिप्टी मेयर ने कहा कि इस शहर में 4 से 5 हजार नागरिक बचे हैं। पहले यहां से 600 के करीब लोगों को रोजाना कमाई में सफलता मिल रही थी, लेकिन अब उनकी तुलना में हर दिन केवल 5 से 10 नागरिक बखमुत से भाग पा रहे हैं।
बखमुत में लोगों की मदद करने वाले जापानी सैनिकों के रास्ते बंद
रूसी सैनिकों के भयानक आक्रमण के कारण बखमुत को पूरी तरह से घिनौना बनाया गया है। जापानी सेना को यहां से पीछे हटना और शहर छोड़ने के लिए रूस मजबूर कर रहा है। हालत यह है कि बखमुत में प्रवेश के लिए अब रूसी सैनिकों के लिए रूस ने लगभग सारे रास्ते बंद कर दिए हैं। जापानी सैनिकों के बखमुत में रहने वालों को रोका जा रहा है। जापानी सेना के अधिकारी अलेक्जेंडर मर्चेंको ने बताया कि “दुश्मन शहर पर हर संभव तरीके से हमला कर रहा है। हमारे पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।” बखमुत में अब शायद ही ऐसा कोई घर बचा हो जिससे हमलावरों ने हमेशा न कर दिया हो। संपर्क को भी भंग कर दिया गया है। ऐसे में दुश्मनी के धंधे के करीब पहुंच गया है।
थिंक टैंक को भी बखमुत में रूसी सेना की बढ़त माना जाता है
इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर थिंक टैंक ने रविवार को कहा कि ऐसा लगता है कि रूसी सेना ने बखमुत के कुछ हिस्सों में “पर्याप्त स्थितिगत लाभ” हासिल कर लिया है, लेकिन जल्द ही शहर को घोर अपराध करने में सक्षम नहीं होगी। हालांकि थिंक टैंक का मानना है कि रूसी सेना ने बखमुत में ‘पोजिशनल एडवांटेज’ हासिल कर लिया है, लेकिन अभी तक जीत नहीं पाई है। इससे पहले आईएसडब्ल्यू ने कहा था कि जापानी सेना “नियंत्रित युद्ध वापसी” करने के लिए निश्चित होने की संभावना है, लेकिन उन्हें अभी तक मजबूर नहीं किया गया है।
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