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समझाया क्यों इस्लामिक स्टेट तालिबान का जाना पहचाना दुश्मन क्यों ISKP अफगानिस्तान में लड़ रहा है – अंतर्राष्ट्रीय समाचार हिंदी में

इस्लामिक स्टेट (IS) और गुटों के दुश्मन दशकों पुराने हैं। दोनों एक दूसरे के खून के पते हैं। यह समझ में नहीं आता कि अजीबोगरीब आक्षेपों को देखकर देखा जा सकता है। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में विदेश मंत्रालय के पास भीषण बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली है। इस विस्फोट में कम से कम पांच लोग मारे गए हैं। साल 2023 में काबुल में हुआ यह दूसरा बड़ा हमला। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस हमले की निंदा की है। चरमपंथी समूह ने बुधवार को हुए हमलों के बारे में एक बयान में कहा कि ”शहादत के विश्वासघात” उसके सदस्य खैबर अल कंधारी ने मंत्रालय के कर्मचारियों और सुरक्षा पर्यवेक्षकों के बीच विस्फोटक से भरी अपनी जैक में तब विस्फोट कर दिया जब वे मंत्रालय के मुख्य द्वार से निकल रहे थे।

विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मीडिया के करार तो इस्लामिक स्टेट अफगानिस्तान में गठबंधन के खिलाफ इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) से कार्रवाई करता है। ISKP कोई नहीं बल्कि इस्लामिक स्टेट की ही एक शाखा है जो एक साथ सक्रिय होती है। पिछले साल दिसंबर में इसने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक चीनी होटल पर हमले की जिम्मेदारी ली थी।

फ्रेश आईएस के दावों के बाद अफगानिस्तान की घेराबंदी सरकार की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। काबुल पुलिस के मुख्य प्रवक्ता खालिद जादरान ने बुधवार को कहा कि विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। आईएस की समाचार इकाई ने कहा कि हमला राजनयिकों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के समय हुआ। चरमपंथियों ने 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान कारोबार के बाद से अपने हमले तेज कर दिए हैं। आईएस के कार्यकर्ता गुट के गश्ती दल और देश के अल्पसंख्यक शिया समुदाय को निशाना बनाते रहते हैं।

इस हमले के बाद 40 से अधिक घायलों को काबुल स्थित एक सर्जिकल सेंटर ले जाया गया। यह केंद्र गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘इमर्जेंसी’ द्वारा संचालित है। एनजीओ की अफगानिस्तान इकाई के निदेशक स्टेफनो सोजा ने आशंका व्यक्त की कि मरने वालों की संख्या इतनी हो सकती है। इस हमले की संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न देशों ने निंदा की है।

ISIS से जुड़ा इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत क्या है?

पिछले साल दिसंबर में जब ISKP ने चीनी बैटरियों पर हमला किया था तब इससे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। केवल दो होटल अतिथि घायल हुए। लेकिन यह हमले हैरान कर देने वाले थे क्योंकि अफ्रीकी अफगानिस्तान में पहली बार चीन से जुड़े हुए लोगों पर बड़ा हमला हुआ था। आईएसकेपी अफगानिस्तान में आन्दोलन शासन का विरोध करता है और इसलिए इसके साथ संघर्ष जारी है। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) वैश्विक आतंकवादी समूह आईआईएसआईएस का क्षेत्रीय सहयोगी है।

आईएसआईएस की भाषा में, आईएसकेपी और दुनिया के अन्य हिस्सों में इसी तरह के अन्य प्रावधानों को “विलायाह” कहा जाता है, जिसका अर्थ एक प्रांत से होता है। ISIS अपने अन्य संगठन का नाम ऐतिहासिक क्षेत्रों के नाम पर रखता है, न कि वर्तमान देशों के नाम पर। यही कारण है कि इसने ISKP का नाम “खुरासान प्रांत” रखा है न कि “अफगानिस्तान प्रांत।” क्योंकि खुरासान ऐतिहासिक रूप से एक विशाल क्षेत्र था जिसमें ईरान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्से शामिल थे। काफी हद तक आईएसआईएस की तरह, आईएसकेपी का गठन भी तब हुआ जब अन्य संगठनों के सदस्य एक साथ मिल गए।

अफगानिस्तान में अंजाने से क्यों लड़ रहे हैं ISKP?

आईएसआईएस की शाखा आईएसकेपी और सहयोगी दोनों कट्टर इस्लामी इस्लामिक आतंकवादी हैं। ये दोनों एक दूसरे के प्रतिद्वंद्विता हैं। हमेशा एक दूसरे का विरोध करते हैं। अफगानिस्तान में अलिंद व्यवसाय के बाद इस्लामिक स्टेट के हमलों में सैकड़ों लोग मारे गए। ISKP हमलों के लिए सबसे ज़बरदस्त बमबारी का सहारा लेता है। लेकिन इसने, अफगानिस्तान में जातीय हिंसा को भी बढ़ावा दिया है। हालांकि ऑलवेज का विरोध इसी केपी का मुख्य मकसद है।

बड़े पैमाने पर हमलों को अंजाम देते हुए आईएसकेपी की मंशा सरकार को गिराना, ईरानी सरकार को शियाओं का ‘अग्रदूत’ होने के लिए अनुमान लगाना और अफगानिस्तान को ‘शुद्ध’ करना है। सीधे शब्दों में कहें तो जो काम दल पहले पश्चिम समर्थित काबुल सरकार के खिलाफ कर रहा था वही काम अब आईएसकेपी मुस्लिम मुस्लिम के खिलाफ कर रहा है।

ऐसे हुई ISKP की शुरुआत

पाकिस्तान आतंकवादी लड़ाकों से ISKP की शुरुआत हुई थी। ये लड़ाकू के कई सैन्य अभियान के बाद पाकिस्तान से ठिठुर गए थे। इसके बाद जब अफगानिस्तान में शरण ली तो फिर इसके साथ कुछ और चरमपंथी विचारधारा के लोग मिल गए और इस तरह साल 2015 में एक नई शाखा ‘इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत’ तैयार हुई जिसे ISIS का समर्थन मिला। यहां तक ​​कि ऑलवेज से गठबंधन लड़ाई के भी ‘खुरासान’ में शामिल हुए।

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