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विशेषज्ञ खाने से पहले इन 6 खाद्य पदार्थों को भिगोने का सुझाव देते हैं।

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मेरी माँ अक्सर सर्दियों, चावल, सूखे मेवों आदि का इस्तेमाल करने से पहले पानी में चिपकना नहीं भूलतीं। छोले, राजमा वगैरह के लिए तो समझ में आता है, पर वे दाल, चावल और साटन जैसे सॉफ्ट फूड को क्यों चिपकते हैं, ये मेरी समझ से परे हैं। हालांकि माता की तरह दादी भी बचपन से जंगल को पानी में रहने के कुछ देर बाद ही खाने की सलाह दे रही हैं। असल में उन दोनों को लगता है कि खाने से पहले कुछ देर तक जमा रहने से आहार अधिक अनाज हो जाता है (खाद्य पदार्थों को भिगोने के फायदे)। क्या प्रत्यक्ष है? एक्सएमएल जानते हैं कि इसके बारे में जानकार क्या कहते हैं।

सोते हैं, कि कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं, जो पानी में मौजूद पोषक तत्वों की गुणवत्ता पर निर्भर करते हैं। साथ ही वह स्वास्थ्य के लिए भी अधिक लाभ प्राप्त करते हैं। इसलिए ही नहीं यह खाद्य पदार्थ आपको पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करते हैं और आपकी पाचन क्रियाओं को भी संतुलित बनाए रखते हैं।

हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर हेल्थशेक के संस्थापक और न्यूट्रीशनिस्ट प्रितिका बेदी से बातचीत की। वे पोषक तत्वों से भरपूर विशेष खाद्य पदार्थों के नाम भरते हैं, जो पोषक तत्वों को ग्रहण कर लेते हैं इसलिए अधिक जीव हो सकते हैं। तो एंजाइम जानते हैं कि किस तरह के पदार्थ हुए ये खाद्य पदार्थ हमारे लिए अधिक हानिकारक होते हैं (खाद्य पदार्थों को भिगोने के फायदे)।

चावल को खाने से लाभ होता है। चित्र:शटरस्टॉक

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इन 6 पदार्थों को जमा करने से अधिक लाभ होता है

1. चावल (चावल)

चावल को खाने से पहले छोड़ना बहुत जरूरी है। क्योंकि ऐसा करने से उसमें मौजूद आर्सेनिक का प्रभाव कम हो जाता है, जिसकी वजह से हार्ट डिजीज, वायरल और कैंसर का खतरा नियंत्रण रहता है। आर्सेनिक एक प्रकार का रासायनिक है, जो प्राकृतिक रूप से कई प्रकार के विलय में विशेष कर सल्फर और धातुओं पर मौजूद है। साथ ही चावल को चिपकाने से यह विटामिन और छलनी को अच्छे से अवशोषित कर लेता है और आपका न्यूट्रीशनल प्रपत्र बनाए रखता है। वहीं पाचन क्रिया के लिए भी अधिक लाभ होता है।

2. बीज (बीज)

हर प्रकार के बीजों में एंजाइम अवरोधक मौजूद होता है। ऐसे में यदि बीज को गर्म पानी में धूसर छोड़ दिया जाए तो इन अवरोधक को न्यूटलाइज किया जा सकता है। इसके साथ ही ऐसा करने से कई प्रकार के लाभ एंजाइम पैदा होते हैं, जो पर्यावरण के लिए अधिक माने जाते हैं। वहीं इन सीड्स में विटामिन और स्टिकर्स की मात्रा भी बढ़ जाती है, साथ ही इसमें मौजूद ग्लूटेन और अन्य प्रोटीन जिनमें पचा पाना मुश्किल होता है, वह टूट जाते हैं और उन्हें आसानी से पचाया जा सकता है।

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भीगे हुए खाद्य पदार्थ
क्षिप्त के स्वास्थ्य संबंधी कई लाभ हैं। चित्र-शटरस्टॉक।

3. ड्राई फ्रूट्स (सूखे मेवे)

ड्राई फ्रूट्स में फाइबर, पोटेशियम और अन्य कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो एक साथ मिलकर पर्यावरण के लिए कई प्रकार के जीव होते हैं। वहीं इन्हें सेवन दिल से जुड़ी समस्या से लेकर नींबू की स्थिति में लाभ होता है। ऐसे में इन्हें लेना और भी अधिक लाभ हो सकता है।

साइक्ली में भरपूर मात्रा में आयरन और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, इन्हें रात भर में जमा होने के बाद इसका सेवन करने से पचान काफी आसान हो जाता है साथ ही इनमें मौजूद पोषक तत्वों की गुणवत्ता भी बढ़ जाती है। सूखे फलों को चिपकाने से उनकी ऊपरी सतह पर मौजूद सभी मानकों को आसानी से हटाया जा सकता है।

4. खसखस ​​के बीज (खसखस)

खसखस का बीज फोलेट और थाइमिन का एक बेहतरीन स्रोत है। इसमें विटामिन बी की मात्रा पाई जाती है, जो मेटाबॉलिज्म को अवरुद्ध करने के साथ ही वेट जुड़ाव में आपकी मदद करती है। ऐसे में यह अवरुद्ध कर देता है जिससे ये विद्यमान पोषक तत्व अधिक प्रभावी रूप से एडवांस की तरह काम करते हैं। यदि कोई व्यक्ति योजना बना रहा है, तो उसे खसखस ​​के बीजों को निश्चित रूप से खाना चाहिए।

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डाइटिंग में शामिल किया जा सकता है। चित्र:शटरस्टॉक

5. मेथी के बीज (मेथी के बीज)

मेथी के बीच में पर्याप्त मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जिसे आंतों की सेहत के लिए काफी मायने रखता है। उसी समय यह कॉन्स्टिपेशन की समस्या से जुड़ा एक प्रभावी उपाय है। ऐसे में मेथी के बीज को जल में आश्रित होने से इसकी गुणवत्ता और अधिक निखर कर बाहर आता है। इसलिए ही रोज सुबह इसका सेवन करें यह पाचन क्रिया को संतुलित रखता है और इससे पीड़ित रोगियों में ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद करता है।

6. फल (फल)

सभी प्रकार के फल और त्वचा के भीतर रहने वाली संपत्ति पाई जाती है जो शरीर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। इसलिए किसी भी फल को खाने से पहले उसे पानी में दबाना कुछ देरी के लिए छोड़ना जरूरी है। यह फल की ऊपरी सतह पर जमे हुए रासायनिक और बैक्टीरिया को निकालता है। जमाए हुए फल का सेवन करने से पाचन क्रिया संतुलित रहती है और त्वचा से संबंधित इससे संबंधित सिरदर्द और डायरिया का खतरा नहीं होता है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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