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मां बनना किसी भी महिला के लिए जीवन का सबसे खूबसूरत लगाव होता है। जब वो आपके गर्भ से एक नया जीवन जन्म लेता है। इस दौरान परिवार में हर कोई नन्हें मेहमान के आने का इंतजार कर रहा होता है। उन्हें जब खाना चाहिए और खाना क्या नहीं चाहिए, हर चीज का खास ध्यान रखा जाता है। लेकिन कई लोग इन सावधानियों को पुराने धारणाओं से जोड़ने की कोशिश करते हैं। जबकि इनका कोई व्यवहारिक आधार नहीं होता।
ऐसी ही एक मान्यता है कि प्रेग्नेंसी में भूख से ज्यादा खाना बच्चों के लिए लाभदायी है। इस प्रेग्नेंसी मिथ (गर्भावस्था मिथक) की सच्चाई जानने के लिए हमने बात की बिजनौर के ऑब्स्टेट्रिशियन और गायनेक एसोसिएट डॉ नीरज शर्मा से, कौन राष्ट्रपति से जुड़ें इन मिथकों के बारे में फ्रैंक बात की।
निर्देशांक जानते हैं ऐसे ही कुछ खास मिथकों के बारे में –
1. पहली शिकायत सी सेक्शन होने के बाद दूसरी शिकायत ऑपरेशन से ही होती है!
सिंगिंग एकोलिस्ट डॉ नीरज के अनुसार यह इस तरह से समाप्त हो जाता है कि पिछला ऑपरेशन किस कारण से हुआ था।
अगर महिला की पेल्विक का आकार छोटा है, तो ऐसी स्थिति में ऑपरेशन ही किया जाएगा। लेकिन अगर पिछले ऑपरेशन के कारण कोई इमरजेंसी आ रही है और दूसरे बच्चे के दौरान सब कुछ सामान्य है, तो ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होगी।
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2. प्रेग्नेंसी में भूख से ज्यादा खाने से बच्चे को फायदा होता है!
अक्सर कई लोगों का मानना होता है कि प्रेग्नेंसी में भूख से बहुत अधिक खाना बनता है। इस मिथक को नकारते हुए गायनेक प्रतिष्ठित डॉ नीरज ने कहा कि प्रेग्नेंसी में ज्यादा खाना से हेल्दी डाइट लेना जरूरी है। एक बार में खाने के बजाय दिन में चार से पांच बार मजबूत। जिससे खाना अच्छे से पचकर शरीर को पोषण मिल जाता है।
3. प्रेग्नेंसी के सातवें महीने से स्टासे पोछा लगाना चाहिए, यह आसान हो सकता है!
इस मिथक पर बात करते हुए जानकार नीरज का कहना है कि प्रेग्नेंसी में अटका रखते हैं जैसे धारणाएं बिल्कुल गलत हैं। क्योंकि आठवें महीने के बाद बच्चे का सिर श्रोणि में आने लगता है। ऐसे में पेल्विक पर जोर देने पर बच्चे की गर्दन टेढ़ी होने का खतरा बढ़ जाता है।
4. प्रेगनेंसी में एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए!
डॉक्टर नीरज का कहना है कि हेल्दी प्रेग्नेंसी और सेफ बन्धन के लिए उत्पाद हो सकते हैं। लेकिन इस हार्ड वर्कआउट के दौरान आसान-जुड़े व्यायाम या योग आजमाएं। इसके लिए आप चलकर अनुलोम विलोम प्राणायाम भी आजमा सकते हैं। जो निकायों में आंदोलन बनाए रखने में मदद करेंगे।
हेल्दी प्रेग्नेंसी और सेफ डिलीवरी के लिए डॉ नीरज शर्मा के कुछ खास टिप्स
- आपको कैफीन, सॉफ्ट ड्रिंक और एल्कोहल के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि ये सभी चीजें बच्चों के लिए नुकसानदायक हैं।
- इस दौरान ढेर सारे वजन और उठाने से बचना चाहिए। क्योंकि वजन उठाने का सीधा प्रभाव लाइव योनि पर पड़ता है, जिससे किसी को दर्द या अन्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- प्रेगनेंसी की शुरुआत तीन महीने और सही के 2 महीने में भी ट्रेवलिंग नहीं करनी चाहिए। क्योंकि शुरूआत में भ्रूण ठीक नहीं हुआ। ऐसे में थोड़ा सा भी दबाव पर काम कर सकता है।
- डाइट का विशेष ध्यान रखें, दिनभर पर्याप्त पानी पीयें। साथ ही अपने डाइट में विटामिन सी और डी भी जरूर शामिल करें।
- प्रेगनेंसी में सिर्फ कंफर्टेबल कपड़े ही मायने रखते हैं, क्योंकि इस दौरान सभी बॉडी पार्ट डिवेलप हो रहे हैं।
- रिपोर्ट के बाद पदार्थ का सेवन न करें, बल्कि इसके बजाय खाने का सेवन करें। इससे संक्रमण होने का खतरा नहीं रहता।
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