शासकीय वकील धर्मेन्द्र शर्मा ने शनिवार को बताया कि सांसद एवं अन्य के लिए बने विशेष न्यायालय ने शुक्रवार को इस मामले में उन पर 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
जिज्ञासु की एक अदालत ने कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव को सहकारी बैंक में रिश्वत लेने के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई है। शासकीय वकील धर्मेन्द्र शर्मा ने शनिवार को बताया कि सांसद एवं अन्य के लिए बने विशेष न्यायालय ने शुक्रवार को इस मामले में उन पर 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में यादव सहित कुल छह लोगों को दोषी माना गया है, जबकि दो व्यवस्थाएं –मुकेश माथुर एवं रजनी मूल को बहुत कर दिया है।
शर्मा ने बताया कि अदालत ने यादव के अलावा डी के जैन को तीन साल की कैद की सजा सुनाई और 15,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, चार अभियुक्तों –ईशान राज्य, गजेंद्र श्रीवास्तव, महिला समिति की अध्यक्ष शीला गुर्जर एवं संजीव शुक्ला को चार-चार साल की सजा की सजा सुनाई गई और 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। इन चारों को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया, जबकि यादव एवं जैन को जमानत मिल गई है। शर्मा ने बताया कि यह संबंध के साथ बैंक का है।
इस बैंक के ही एक कर्मचारी सतीश शर्मा ने आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) में 2004 में शिकायत की थी कि एक महिला बहुउद्देशीय सहयोगी संस्थान मर्यादित गढ़रौली से सहयोगी बैंक ने 1999 में करीब साढ़े चार लाख रुपए की स्टेशनरी दी है। उन्होंने कहा कि ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच की तो पाया कि इस संस्था का काम स्टेशनरी सप्लाई करने वाला नहीं था और बिल भी फर्जी पाए गए। उस समय सहकर्मी बैंक के अध्यक्ष भगवान सिंह यादव थे और उन्होंने गलत तरीके से बिल पास किए। इसके साथ ही सहयोगी बैंक ने अपने कर्मचारियों के लिए एक संस्था रहने के लिए 72 लाख रुपये का ऋण दिया और इन ऋणों को गलत तरीके से यादव ने पास किया।
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