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‘कोर्ट के आदेश के बाद भी राहुल गांधी नहीं मांग रहे जोक, ये उनका अहंकार है’, हिमंत बिस्वा सरमा का वार

एएनआई

असम के पेज ने कहा कि कोर्ट ने ओबीसी समुदाय के पक्ष में फैसला सुनाया है। कभी-कभी गलती में गलत शब्द निकल जाते हैं, परंतु मैं ऐसा होने पर जोक मांगता हूं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने 5 साल में किसी से जोक नहीं किया।

मानहानि मामले में कोर्ट कोर्ट से दोषी पाए जाने के बाद राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, राहुल गांधी को जमानत तुरंत दे दी गई थी। लेकिन इस सजा की वजह से राहुल गांधी की अपनी 18 जुलाई को शिकायत दर्ज हुई है। इसके साथ विरोधी विपक्षी दल कैसे केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। इन सबके बीच बीजेपी स्पष्ट रूप से इसे लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस पर पलटवार कर रही है। बीजेपी स्पष्ट रूप से कह रही है कि राहुल गांधी ने पूरे ओबीसी समुदाय का अपमान किया है। इन सबके बीच असम के चित्र हिमंत बिस्वा सरमा का भी बयान सामने आया है। पूरे मामले में हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सूरत कोर्ट ने ओबीसी समुदाय के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है।

असम के पेज ने कहा कि कोर्ट ने ओबीसी समुदाय के पक्ष में फैसला सुनाया है। कभी-कभी गलती में गलत शब्द निकल जाते हैं, परंतु मैं ऐसा होने पर जोक मांगता हूं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने 5 साल में किसी से जोक नहीं किया। कोर्ट के ऑर्डर के बाद भी जोक नहीं मांग रहे, ये उनका अहंकारी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि राहुल गांधी को भारत सरकार ने आरोपित नहीं किया है। उन्हें अदालत ने दोषी करार दिया है क्योंकि उन्होंने अपने भाषण में ओबीसी समुदाय के खिलाफ असंसदीय, मानहानिकारक शब्दों का प्रयोग किया था और अदालत के फैसले के परिणामस्वरूप उन्हें अधिमान्य घोषित कर दिया गया था। यह एक दृश्य प्रक्रिया है और इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को लालू प्रसाद यादव का श्राप लगता है। जब करिट घोटाला में ऑर्डर आया था और लालू प्रसाद की सदस्यता लेने वाला था। उस समय राहुल गांधी उनसे नहीं मिले थे…राहुल गांधी ने तब ऐसे मामले में अपील के प्रावधानों से संबंधित दावों को खारिज किया था। लालू जी ने उस समय राहुल गांधी को श्राप दिया था। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि मोदी किसी जाति का नाम ये झूठा पत्र के सम्मान का नाम नहीं है, जिसने गांधी और कांग्रेस को चुनौती दी थी। 4 साल बाद कोर्ट ने फैसला दिया और आपकी सदस्यता ली तो जब छपाई करते हुए 2 साल की बात कर रहे थे तब आपको याद रखना चाहिए था कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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