
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (CGMSC) में करोड़ों रुपये के रीएजेंट खरीदी घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इनमें CGMSC के दो GM और स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अनिल परसाई भी शामिल हैं।
इससे पहले EOW ने घोटाले के मुख्य आरोपी और रीएजेंट सप्लायर “मोक्षित कॉर्पोरेशन” के डायरेक्टर शाशांक चोपड़ा को गिरफ्तार किया था। अब इन पांच अधिकारियों की गिरफ्तारी से जांच में नया मोड़ आ सकता है।
गिरफ्तार अधिकारियों की लिस्ट:
- वसंत कौशिक (CGMSC जीएम)
- डॉ. अनिल परसाई (डिप्टी डायरेक्टर, हेल्थ डिपार्टमेंट)
- शिरौंद्र रावटिया
- कमलकांत पाटनवार
- दीपक बांधे
EOW की जांच में क्या निकला?
बिना बजट मंजूरी के 660 करोड़ की खरीदी
आवश्यकता से अधिक दवाइयों और उपकरणों की सप्लाई
ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों में सप्लाई जहां स्टोरेज या टेक्निकल स्टाफ ही नहीं
नियमों को ताक पर रखकर कॉन्ट्रैक्ट का आवंटन
कैसे खुला 660 करोड़ का घोटाला?
भारतीय लेखा एवं लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने छत्तीसगढ़ सरकार के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखकर इस घोटाले का खुलासा किया था।
- ऑडिट रिपोर्ट (2022-24) में पाया गया कि CGMSC ने बजट स्वीकृति के बिना ही 660 करोड़ की खरीदी कर ली।
- 350 से अधिक ऐसे अस्पतालों में महंगे उपकरण भेजे गए जहां स्टाफ ही नहीं था।
- DHS ने बिना किसी बेसलाइन सर्वे और मांग विश्लेषण के ही बड़े पैमाने पर खरीदारी कर दी।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
अब EOW इन अधिकारियों को कोर्ट में पेश करेगी और आगे की पूछताछ के लिए रिमांड की मांग कर सकती है। जांच एजेंसी के मुताबिक और भी बड़े नामों की गिरफ्तारी संभव है।
क्या यह घोटाला सिर्फ कुछ अधिकारियों तक सीमित है या इसमें बड़े राजनेता भी शामिल हैं? यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा!
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