
प्रभासाक्षी
हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड और अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक के बीच एक माइयून होना है, इसके तहत दोनों प्राधिकरण को अपनी तय करनी है।
पिछले काफी समय से भारतीय लड़ाकू विमानों की जरूरत है। पीएम मोदी ने फ्रांस से राफेल जेट खरीद को पूरा किया। राफेल के आने से भारत की ताकतें। लेकिन अभी भी भारत को अगली पीढ़ी के फाइटर जेट का अधिकार है। लेकिन इसकी जरूरत को पूरा करने के लिए भारत विदेश से जेट नहीं खरीद रहा है। बल्कि खुद स्वदेशी तकनीक से आधुनिक और बेहद खतरनाक पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट बना रहा है। वहीं भारत और अमेरिका के बीच होने वाली डिफेंस डील पर हर किसी की नजर टिकी हुई है। जैसे-जैसे इस सौदे की घड़ी निकट आ रही है, चीन और पाकिस्तान की अस्वस्थता बढ़ती जा रही है। दरअसल, 21 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका का दौरा करने वाले हैं। पीएम मोदी के इस दौरे से भारत सबसे बड़ा रक्षा सौगात मिलने वाला है। जिसके बाद भारत भी अमेरिका और रूस की तरह के फाइटर जेट के इंजन खुद तैयार करेगा। यह नया रक्षा सौदा से तेज होगा, एमके 2 सहित कई स्वदेशी अलग-अलग रूप बनाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत के सपने को मिलेगी नई उड़ान
इस मेगा डील में भारत की हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड और अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक के साथ पार्टनरशिप डील हो रही है। इस डील के बाद दोनों कंपनियां घरेलू स्तर पर फाइटर जेट इंजनों का मैन्युफैक्चरिंग करेंगी। शुरुआत में दोनों कंपनी विमानों के इंजन बनेंगे। जबकी भविष्य में भारतीय नौसेना के जहाजों के भी इंजन इसका हिस्सा बन सकते हैं। इस सौदे को लेकर जो बातचीत हो रही है उसकी सबसे खास बात ये है कि भारत अमेरिका के साथ जेट इंजन बनाने की तकनीक पर जोर दे रहा है। हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड और अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक के बीच एक माइयून होना है, इसके तहत दोनों प्राधिकरण को अपनी तय करनी है।
क्या है ये मेगा डिफेंस डील
हिन्दुस्तान के आकाश को अभेद सुरक्षा कवच देने की तैयारी है, जिसे भेद पाना दुनिया के किसी भी मुल्क के लिए आसान नहीं होगा। कोई भी मिसाइल भारतीय सीमा के आसपास फटक नहीं पाएगी। अगर किसी ने गुस्ताखी की तो उसे आकाश में ही भस्म कर दिया जाएगा। इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं। जिसे डिफेंस सेक्टर के लिए बहुत अहम माना जा रहा है क्योंकि भारत और अमेरिका फाइटर जेट इंजन पर ऐसा मेगा डील कर रहे हैं, जिससे फाइटर जेट इंजन बनाने वाला भारत दुनिया की पांचवीं महाशक्ति बन जाएगा। माना जा रहा है कि इस डील के बाद भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान कहां बन पाएंगे। उसी समय आने वाले समय में इससे देश में पानी के जहाजों के इंजन भी तैयार किए जा सकते हैं। भारत और अमेरिका की ये डिफेंस डील अब तक की सबसे बड़ी डील होगी।
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