कोंडागांवछत्तीसगढ़

डेढ़ साल में चौथी बार बिजली दर बढ़ी – कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा “जनता की जेब में भाजपा सरकार कर रही डकैती”

UNITED NEWS OF ASIA. रामकुमार भारद्वाज, कोंडागांव | छत्तीसगढ़ में बिजली दरों में हुई हालिया वृद्धि को लेकर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की विष्णुदेव साय सरकार पर तीखा हमला बोला है। जिला कांग्रेस कमेटी कोंडागांव द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार लगातार बिजली उपभोक्ताओं की जेब काटने का काम कर रही है और अब डेढ़ साल के भीतर यह चौथी बार है जब बिजली की दरों में वृद्धि की गई है।

प्रेसवार्ता में कांग्रेस नेताओं ने बताया कि –

  • घरेलू उपभोक्ताओं पर 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट,

  • गैर-घरेलू उपयोगकर्ताओं पर 25 पैसे प्रति यूनिट,

  • और कृषि पंपों पर 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, जो सबसे अधिक है।

किसानों पर बिजली का बोझ बढ़ाया गया

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि पहले ही खाद, बीज और बिजली कटौती से जूझ रहे किसानों की कमर अब इस दर वृद्धि ने तोड़ दी है। कांग्रेस ने इसे भाजपा की किसान विरोधी नीति करार दिया।

“इतिहास दोहराया जा रहा है” – कांग्रेस

नेताओं ने दावा किया कि रमन सरकार (2003–2018) के कार्यकाल में भी हर वर्ष बिजली दरें बढ़ाई गई थीं। 2003 में जहां बिजली की दर ₹3.30 प्रति यूनिट थी, वहीं 2018 तक यह ₹6.40 प्रति यूनिट तक पहुंच गई थी। चुनावी वर्ष में इसे केवल ₹0.20 घटाकर ₹6.20 किया गया था।

कांग्रेस सरकार का रिकॉर्ड बेहतर – नेताम

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को ‘जनहितकारी’ बताते हुए जिलाध्यक्ष बुधराम नेताम ने कहा, “हमारी सरकार ने पांच साल में महज दो पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की थी और ₹3240 करोड़ की सब्सिडी देकर 65 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को राहत दी थी।”

सरकारी विभाग और उद्योगों पर बकाया, जनता पर बोझ

प्रेसवार्ता में यह भी कहा गया कि सरकार खुद सरकारी उपक्रमों और विभागों से बकाया वसूलने में विफल रही है, लेकिन आम जनता से वसूली कर रही है। साथ ही बिजली चोरी और लाइन लॉस के चलते जो घाटा हो रहा है, उसकी भरपाई भी उपभोक्ताओं से की जा रही है।

“कोयला, पानी, ज़मीन सब हमारा – फिर भी बिजली महंगी क्यों?”

नेताओं ने सवाल उठाया कि कोयला, जमीन, पानी राज्य का है, फिर भी छत्तीसगढ़ में बिजली इतनी महंगी क्यों? केंद्र की गलत नीतियों और अडानी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए महंगे दर पर कोयला खरीद, ग्रीन टैक्स, रेलवे माल भाड़ा और डीजल की कीमतों में वृद्धि को जिम्मेदार बताया गया।

स्मार्ट और प्रीपेड मीटर पर भी विरोध

कांग्रेस ने स्मार्ट मीटर के नाम पर अधिक बिल भेजे जाने और अडानी की कंपनी के प्रीपेड मीटर लगाए जाने की तैयारी को ‘जनता को लूटने की साजिश’ करार दिया।

अघोषित कटौती से भी जनता परेशान

नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार पूरी बिजली भी नहीं दे पा रही है, रोज़ाना अघोषित कटौती हो रही है और ऊपर से दर वृद्धि कर जनता की जेब में डकैती डाली जा रही है।

कांग्रेस का विरोध और आंदोलन की घोषणा

कांग्रेस ने इस निर्णय के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है:

  • 16, 17 और 18 जुलाई को ब्लॉक स्तर पर बिजली ऑफिसों का घेराव किया जाएगा।

  • 22 जुलाई को जिला स्तर पर आंदोलन कर बिजली विभाग का घेराव होगा।

प्रेसवार्ता में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मतलाम, पूर्व अध्यक्ष झूमू दीवान, महामंत्री रितेश पटेल, गीतेश गांधी, कपिल चोपड़ा, तरुण गोलछा, सकुर खान, नरेंद्र देवांगन, भंगी पटेल, उमर मेमन, नंदू दीवान समेत कई कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।

 


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