














UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई तेज हो गई है। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी कांग्रेस नेता सुशील ओझा से शुक्रवार को ED ने करीब 8 घंटे तक पूछताछ की। ओझा ने बाहर निकलकर कहा कि उन्होंने सभी सवालों के जवाब दिए हैं।
इससे पहले कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू से भी गुरुवार को 8 घंटे से ज्यादा पूछताछ हुई थी। अब उन्हें 3 मार्च को दोबारा बुलाया गया है और कुछ अहम दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया है।
ओझा को माना जा रहा था फरार, दी सफाई
शराब घोटाले में ED की रेड के दौरान ओझा घर पर नहीं मिले थे, जिसके बाद उन्हें फरार माना जा रहा था। इस पर ओझा ने सफाई दी कि वे 25 दिसंबर से छत्तीसगढ़ से बाहर थे, जबकि रेड 28 दिसंबर को हुई थी।
ED दफ्तर के बाहर कांग्रेस का हंगामा
ED की इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। कांग्रेस का आरोप है कि ED सिर्फ विपक्षी नेताओं को टारगेट कर रही है, जबकि बीजेपी नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
ED पहुंची कांग्रेस मुख्यालय, भवन निर्माण की जांच
ED की एक टीम मंगलवार को रायपुर स्थित कांग्रेस मुख्यालय ‘राजीव भवन’ पहुंची और मलकीत सिंह गैदू को समन सौंपा। जांच एजेंसी ने सुकमा और कोंटा में बने कांग्रेस भवनों की फंडिंग, निर्माण प्रक्रिया और ठेकेदारों की जानकारी मांगी है।
बघेल और बैज का बीजेपी पर पलटवार
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “ED कांग्रेस को बदनाम करने के लिए काम कर रही है। हिम्मत है तो दिल्ली में बने बीजेपी कार्यालय का भी हिसाब पूछें।”
वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, “छेरछेरा पुन्नी के दान से कांग्रेस भवन बना है, लेकिन ED बीजेपी के 200 करोड़ के आलीशान कार्यालय की जांच क्यों नहीं कर रही?”
ED की अगली कार्रवाई पर नजर
यह पहली बार है जब ED ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर समन जारी किया है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या जांच एजेंसी कांग्रेस के अन्य नेताओं को भी पूछताछ के लिए बुलाएगी? प्रदेश में यह मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ चुका है, जिस पर सबकी नजरें टिकी हैं।
You cannot copy content of this page