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मुंबई नागपुर मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने पोंजी स्कीम की तलाशी ली, 6 करोड़ हीरे सोना नकद बरामद

मुंबई/नागपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के मुंबई और नागपुर सहित 15 अलग-अलग जगहों पर स्पॉटलाइट की है। इस दौरान ईडी के अधिकारियों ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में अहम बरामदगी की है, लिस्टिंग लेकर हड़कंप मच रहा है। इस कार्रवाई में पंकज मेहदिया, लोकेश और कथिक जैन की ओर से किए गए निवेश धोखाधड़ी के संबंध में सर्वेक्षण किया। इसके साथ ही अब तक 5.51 करोड़ रुपये के बेहिसाब जेवर और 1.21 करोड़ रुपये नकद ज़ब्त किए गए हैं।

पोंजी दोष की आड़ में की गई धोखाधड़ी मामले की जांच ईडी ने शुरू की तो कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई थीं। जांच से पता चला कि पंकज नंदलाल मेहदिया अन्य साथियों के साथ एक पोंजी योजना चला रहे थे। 2004 से 2017 के बीच किए गए निवेश पर टीडीएस के चयन के बाद 12 प्रतिशत सुनिश्चित लाभ देने का वादा करके अलग-अलग को लंकते थे। घोटाले के मुख्य अपराध पंकज मेहदिया, लोकेश जैन और कार्तिक जैन के आवासों और आरोपित ईडी ने तलाशी ली।

तलाशी के दौरान सोना, डायमंड और कैश मिला
मुख्य आकर्षण के कार्यालय और आवासीय परिसरों में तलाशी के दौरान 5.51 करोड़ रुपये के सोने और हीरे के जेवरों के दौरान, लगभग 1.21 करोड़ रुपये का नुकसान, डिजिटल सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद हुए हैं। प्रवर्तन निदेशालय के दस्तावेज़ पंकज मेहदिया और अन्य के निवेश धोखाधड़ी से संबंधित पीएमएलए 2002 के तहत चल रही जांच से जुड़ी है। तलाशी में पंकज मेहदिया, लोकेश जैन, कार्तिक जैन के आवास और खातेदार और मुख्य कर्मचारियों के कार्यालय और आवास आवास शामिल हैं।

नागपुर में मामला दर्ज हुआ था
आरोपियों के खिलाफ सिताराबुल्दी पुलिस (पुलिस) स्टेशन, नागपुर में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की गई थी। पीएमएलए जांच से पता चला कि पंकज मेहदिया अन्य सहयोगियों के साथ पोंजी आवंटन चले गए थे और वर्ष 2004 से 2017 तक किए गए निवेश पर टीडीएससाइट के बाद 12 निश्चित लाभदेय का वादा करके विभिन्न विकल्प को लते थे।

इस तरह से सीवीसी को चपट किया गया था
जांच एजेंसी के सूत्र से मिल रही जानकारी के अनुसार ईडी ने पंकज नंदलाल महदिया, लोकेश संतोष जैन, कार्तिक जैन, बालमुकुंद लालचंद कील, प्रेमलता नंदलाल मेहदिया के खिलाफ सितारबुल्दी पुलिस स्टेशन नागपुर में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की। इससे इससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. जांच से पता चला कि पंकज नंदलाल मेहदिया अन्य साथियों के साथ एक पोंजी योजना चला रहे थे। 2004 से 2017 के बीच किए गए निवेश पर टीडीएस के चयन के बाद 12 प्रतिशत सुनिश्चित लाभ देने का वादा करके अलग-अलग को लंकते थे।

टैग: ईडी, महाराष्ट्र समाचार, मनी लॉन्ड्रिंग केस, मुंबई खबर, नागपुर न्यूज

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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