मंगलवार की रात करीब 10:17 बजे अफगानिस्तान, पाकिस्तान से लेकर भारत में भी भूकंप के निशान महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र हिंदू कुश फिर से जा रहा है जहां इसकी तीव्रता 6.6 पैनी हो गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के फैजाबाद से 133 किमी दक्षिण पूर्व में 6.6 तीव्रता का भूकंप आया। ऐसी रिपोर्ट हैं कि कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, चीन और किर्गिस्तान में भूकंप के तेज संकेत महसूस किए हैं। धरती में कंपनियों को लगता है कि लोग अपने घरों से निकलकर बाहर आ गए। अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं मिली है।
पाकिस्तान के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 6.8 थी और इससे लोगों में घबराहट फैल गई। बोल्ड, पेशावर, जितम, शेखूपुरा, स्वात, नौशेरा, मुल्तान, स्वात, शांगला सहित विभिन्न स्थानों पर महसूस किए गए। पाकिस्तान में भूकंप के संकेत 30 सेंकंड तक महसूस किए गए। इस बात का संकेत बहुत तेज था कि लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और कई इलाकों में लोग खुले में मुर्ख गए। भूकंप के संकेत होने के बाद टीवी फुटेज में नागरिकों को अपने घरों और इमारतों से बाहर धूम्रपान करते दिखाया गया है। रेस्क्यू 1122 के बहाने डॉ खतीर अहमद ने कहा कि विभाग को स्वाबी और उससे भी कम किसी घटना की रिपोर्ट मिलने पर बचाव दल भेजा गया था। रेस्क्यू 1122 हाई अलर्ट पर है और किसी भी जाम की स्थिति में देने के लिए तैयार है।
दिल्ली-यूपी सहित पूरे उत्तर भारत में भूकंप, रिक्टर स्कैन पर 6.6 तीव्रता; लगातार दो संकेत
भारत के किन-किन को ऐसा महसूस हो रहा है
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन सह) सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के तेज होने का संकेत महसूस किए गए। उत्तरकाशी और चमोली इलाके में उत्तराखंड के कई इलाकों में मंगलवार की रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जलजमाव के नुकसान की अभी कोई खबर नहीं है। दिल्ली के आसपास की सीमा के अलावा हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी महसूस किए गए।
दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के संकेत के संकेत, देर तक हिलती रही धरती; घर से बाहर निकले लोग
लोगों ने अपना अनुभव बताया
नोएडा के एक निवासी ने कहा कि उसने सबसे पहले सार्वजनिक टेबल को हिलते हुए देखा। नोएडा में हाइड पार्क सोसायटी के निवासियों ने कहा, ‘इसके ठीक बाद हमने देखा कि पंखे भी हिल रहे थे। भूकंप की तीव्रता काफी तेज थी और काफी देर तक महसूस होने का एहसास हुआ।’ दिल्ली में एक कैब मालिक ने कहा कि जब यात्री उसका इंतजार कर रहे होते हैं तो उसे ऐसा महसूस होता है। मध्य दिल्ली में नॉट प्लेस के पास मौजूद कैब के मालिक फ्रीज खुले ने कहा, ‘मैं यात्रियों का इंतजार कर रहा था और अचानक मेरी कार हिलने लगी। मैंने तुरंत अपने दोस्तों को इसके बारे में बताया।’
भूकंप क्यों आता है?
धरती की टक्कर से भूकंप आता है। हमें पृथ्वी की संरचना मिलेगी। पूरी पृथ्वी 12 टैक्टोनिक धीर पर स्थित है। इसके नीचे द्रव पदार्थ लावा है। ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही हैं और आपस में टकराकर आपस में टकराती हैं जिसे भूकंप कहते हैं। आसानी से हो सकता है कि ये प्लेंट धीरे धीरे-धीरे घूमता रहता है। इस प्रकार ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से बनाई जाती हैं। नो प्लेट दूसरी प्लेट के निकट है तो कोई दूर हो जाता है। ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाते हैं।
भूकंप आने पर क्या करें?
भूकंप आने के बाद अगर आप घर में हैं तो कोशिश करें कि फ़र्श पर बैठें।
अगर आपके घर में टेबल या फर्नीचर है तो उसके नीचे के हाथों से सिर को ठीक करना चाहिए।
भूकंप आने के दौरान घर के अंदर रहें और जब निशान के बाद बाहर निकलें।
भूकंप के दौरान घर के सभी बिजली स्विच ऑफ कर दें।
भूकंप आने पर क्या ना करें?
भूकंप के झटके लिफ्ट का उपयोग तो भूलकर भी न करें।
भूकंप आने पर अगर आप घर में हैं तो दरवाजे, छत और दीवारों से दूर रहें।
भूकंप के समय अगर आप घर में हैं तो बाहर न निकलें। जहां हैं वही खुद को सुरक्षित करने का प्रयास करें।
अगर आप घर से बाहर हैं तो भूकंप के समय शीर्ष इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहने की कोशिश करें।