- UNITED NEWS OF ASIA. भारती कौर, दुर्ग। किसी भी देश के विकास में शिक्षा का महत्व अत्यधिक होता है क्योंकि शिक्षा ही वह माध्यम है जिस पर चलकर एक सभ्य समाज का विकास होता है शिक्षा न सिर्फ मानव का मानसिक विकास करती है बल्कि सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सुदृढ़ता भी प्रदान करती है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर हमारे देश में सर्वप्रथम 11 नवंबर 2008 को मनाया गया हमारे देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जयंती के उपलक्ष में शिक्षा दिवस मनाया जाता है अबुल कलाम जी एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे आप एक कवि लेखक पत्रकार होने के साथ-साथ एक सच्चे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी रहे हैं भारतीय शिक्षा प्रणाली में अतुलनीय योगदान रहा है यही वजह है कि प्रत्येक वर्ष शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालने हेतु 11 नवंबर को शिक्षा दिवस मनाया जाता है,,
भारत को आजादी दिलवाने में मुस्लिम काम का सराहनीय योगदान रहा है शिक्षा चिकित्सा विज्ञान स्वतंत्रता क्रीडा ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां मुसलमान का योगदान यादगार ना रहा हो फिर भी सामाजिक एवं राजनीतिक ठेकेदारों द्वारा जातिवाद के षड्यंत्र में देश के नागरिकों को पिरोकर आने वाली युवा पीढ़ियों के भविष्य पर एक प्रश्न चिन्ह लगाकर वर्तमान के सर्वधर्म सम्मिलित सांप्रदायिक भारत के नागरिकों को असमंजस्य में डाल रखे हैं क्या ऐसी मानसिकता हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति पहुंचाएगी ?
ऐसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिवस पर शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालने हेतु सुशिक्षित घोटिया बालोद के कृषक हेमंत कुमार ने खेती कार्य में उत्कृष्ट सेल्फ प्रपोल्ड मिनी कंबाइन मशीन पनेसर जी 60 फोर व्हील ड्राइव जो कि कम ईंधन खपत में 180 डिग्री के घुमाव द्वारा छत्तीसगढ़ की छोटी-छोटी डोलियों में फसलों को काटकर दानों को साफ कर कृषको को समृद्ध बनाने वाली मशीनरी की खरीदारी कर स्वयं ही नहीं अपितु पूरे शिक्षा जगत को गौरांवित किया है l
यंत्र की चाबी प्रदान करते हुए सुरेश किराना के संचालक निखिल खंडेलवाल एवं उनके कर्मचारी महेश मानिकपुरी कमला मोटर्स के सेल्स प्रमोटर सत्य लक्ष्मीनारायण चंद्राकर अभियंता किशोर निषाद बरमेचा एलिवेटर से उप अभियंता अमर यादव आगंतुक शंखनादिनी नंदिता सामंत मशीन ग्रहण करते हुए हेमंत साहू प्रवीण साहू परविंदर इत्यादि शामिल रहेl
ज्ञात हो कि जगजीत सिंह के मार्गदर्शन में अमनदीप सिंह द्वारा निर्मित सेल्फ प्रपोल्ड मिनी कंबाइन बहुफसली मशीन कम कीमत एवं कम ईंधन खपत पर कृषकों को समृद्ध बनाने में ‘’मिल का पत्थर ‘’ साबित हो चुकी हैं।