छत्तीसगढ़दुर्ग-भिलाई

दुर्ग बजट 2025: नागरिकों को नहीं मिली राहत, अधूरे प्रोजेक्ट पर फिर जोर

UNITED NEWS OF ASIA. भारती कौर, दुर्ग | नगर निगम दुर्ग का 2025-26 का बजट महापौर अलका बाघमार द्वारा पेश किया गया, लेकिन यह बजट शहर की प्राथमिक आवश्यकताओं को पूरा करने में असफल दिख रहा है। अमृत मिशन के तहत ₹60 करोड़ का प्रावधान किया गया है, लेकिन पूर्व में भाजपा सरकार के कार्यकाल में इस योजना के तहत बाहरी ठेकेदारों द्वारा किए गए अधूरे कार्यों की समस्या अब भी बनी हुई है। दुर्ग की सड़कों पर गड्ढों की समस्या जस की तस है और अब नए बजट में भी इससे निपटने के लिए कोई ठोस समाधान नहीं दिखता।

बजट में नालों और सफाई व्यवस्था को नहीं मिली प्राथमिकता

शहर में हर साल बारिश के दौरान जलभराव की समस्या गंभीर हो जाती है, लेकिन इस बजट में नालों की सफाई एवं सुधार कार्यों के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है। सफाई व्यवस्था को भी नजरअंदाज किया गया, जिससे आने वाले समय में स्वच्छता और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने की आशंका है।

सिर्फ आंकड़ों का खेल, जनता को नहीं मिलेगा सीधा लाभ

नगर निगम द्वारा पेश किया गया बजट जनता के लिए राहत देने वाला नहीं बल्कि केवल आंकड़ों का खेल नजर आ रहा है। इसमें विकास योजनाओं की बड़ी घोषणाएं तो की गईं, लेकिन जमीनी स्तर पर ठोस कार्ययोजना की कमी साफ दिखती है। नगर निगम को बजट में शहर की मूलभूत समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत थी, लेकिन आम नागरिकों को राहत देने वाला कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

दुर्ग के नागरिकों की उम्मीदों पर पानी

बजट में जिन योजनाओं को प्राथमिकता दी गई है, वे पहले से ही विवादों से घिरी हुई हैं। इसके बजाय यातायात व्यवस्था, जल निकासी, सड़क सुधार और सफाई जैसी बुनियादी जरूरतों पर ध्यान दिया जाता तो यह बजट शहरवासियों के लिए अधिक लाभदायक साबित हो सकता था। जनता को उम्मीद थी कि यह बजट शहर के विकास को नई दिशा देगा, लेकिन यह केवल एक सपने जैसा ही साबित हो रहा है।

 


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