
”लोकतंत्र के लिए महापौरों की वैश्विक घोषणा” के विषय पर डिजिटल तरीके से आयोजित शिखर सम्मेलन अमेरिकी विदेश विभाग और ‘यूएसए नीति’ द्वारा सह-प्रायोजित है। शिखर सम्मेलन में चीन और तुर्किये को आमंत्रित नहीं किया गया है।
चीन के सबसे करीबी सहयोगी पाकिस्तान ने मंगलवार से वाशिंगटन में शुरू हो रहे लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने का फैसला नहीं किया है। इसके बजाय, वह अमेरिका के साथ डेमोक्रेटिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए हर रोज गठबंधन का इरादा जताती है। विदेश कार्यालय ने यह जानकारी दी। ”लोकतंत्र के लिए महापौरों की वैश्विक घोषणा” के विषय पर डिजिटल तरीके से आयोजित शिखर सम्मेलन अमेरिकी विदेश विभाग और ‘यूएसए नीति’ द्वारा सह-प्रायोजित है। शिखर सम्मेलन में चीन और तुर्किये को आमंत्रित नहीं किया गया है।
यूएसए ने अमेरिकी सरकार की स्वतंत्र एजेंसी है जो दूसरे देशों की मदद और विकास सहायता के लिए काम करती है। पिछले कुछ समय से शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान की भागीदारी गहन चर्चा का विषय रही है। अधिकारियों ने कहा कि जमारा ने इस कार्यक्रम से दूर रहने का फैसला किया है, ताकि उसका ”सदाबहार सहयोगी” (चीन) नाराज न हो।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने मीडिया से कहा, ”शिखर सम्मेलन की प्रक्रिया अब पहले चरण में है। इसलिए, पाकिस्तान के लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मूल्यों को बढ़ावा देना तथा मानवाधिकारों को आगे बढ़ाना एवं रिश्वत के खिलाफ लड़ाई के लिए अमेरिका और शिखर सम्मेलन के सह-मेजबानों के साथ आज के रूप में काम करेंगे।” हालांकि, विदेश कार्यालय ने शिखर सम्मेलन में भाग लेने का निर्णय लिया। पाकिस्तान को आमंत्रित करने के लिए अमेरिका को धन्यवाद कहा।
विदेश कार्यालय ने कहा, ”हम अमेरिका के साथ अपनी मित्रता को महत्व देते हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में, यह संबंध काफी व्यापक और विस्तृत है। हम इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए इन संबंधों को और मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। मंगलवार को, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ‘यूक्रेन में अधिपत्य’ को लेकर सामूहिक परिचर्चा की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें यूक्रेन के वोलोडिम जेलेंस्की भी हिस्सा लेंगे।
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