अमेरिका ने चीन पर जासूसी के आरोप भी लगाए हैं। अब इस पर चीन की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। बैन वाले कदम से तिलमिलाया चीन ने पलटवार करते हुए कहा कि जब अमेरिका की दोस्ती में फेल हो गया तो उसकी तरफ से जासूसी के आरोप लगे।
चीन के संबंध और ऐप्स लगातार कई देशों में प्रतिबंधित किए जा रहे हैं। टिकटॉक को भारत समेत कई देशों ने पहले ही बैन कर दिया है। अब इस फेहरिस्त में अमेरिका का नाम भी शामिल हो गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका में टिकटॉक को बैन करने वाले कदम से ड्रैगन बौखला गया है। बता दें कि कई देशों ने अब तक सुरक्षा खतरों के आधार पर चीनी ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही अमेरिका ने चीन पर जासूसी के आरोप भी लगाए हैं। अब इस पर चीन की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। बैन वाले कदम से तिलमिलाया चीन ने पलटवार करते हुए कहा कि जब अमेरिका की दोस्ती में फेल हो गया तो उसकी तरफ से जासूसी के आरोप लगे।
बीजिंग के अधिकारियों ने एक बार फ़िट टिकटॉक को लक्षित करने के अमेरिकी प्रयासों की आलोचना करते हुए दावा किया कि वाशिंगटन ने अभी तक कोई सबूत नहीं दिया है कि ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा कैसे है? अमेरिकी सांसद ने ऐप पर प्रतिबंध लगाने के कानून के साथ आगे बढ़ने के अपने इरादे का संकेत दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि अमेरिका “अपराध के धारणा” के आधार पर टिकटॉक को लक्षित कर रहा है और वेबसाइट के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होने का कोई सबूत पेश नहीं किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने तब अमेरिका से “निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का सम्मान” करने और “विदेशी उपक्रम का दमन बंद करने” का आह्वान किया।
बता दें कि बीते दिनों बढ़ती सुरक्षा चिंताओं और कंपनी पर चीनी सरकार के प्रभाव के बीच टिकटॉक के सीईओ शौ जी च्यू अमेरिकी कांग्रेस के सामने पेश हुए। च्यू को हाउस एनर्जी एंड कॉमर्स कमेटी के कई सख्त और महत्वपूर्ण सवालों का सामना करना पड़ा। अमेरिकी सांसद डेबी लेस्को ने भारत और अन्य देशों में टिकटॉक पर लगे बैन का जिक्र करते हुए सवाल पूछा, “यह (टिक्कॉक) एक ऐसा उपकरण है जो चीनी सरकार के नियंत्रण में है और राष्ट्रीय सुरक्षा उल्लंघन को बढ़ाता है। ये सभी देश और हमारे FBI डायरेक्टर कैसे गलत हो सकते हैं?