छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम के तहत पुलिस की लगातार कार्यवाही से जिले के सटोरियों के हालत पस्त, लेकिन 52 परियों के खेल पर निषेध के लिए मिशन फ्लश आउट की जरूरत

UNITED NEWS OF ASIA । कबीरधाम जिले में चल रहे अवैध शराब जुआ सट्टा के कारोबार पर UNA ने लगातार खबरें प्रकाशित की । जिसपर जिले में विगत माह से लगातार जिला पुलिस की प्रभावी कार्यवाही चल रही है । पकड़े गए आरोपियों पर विगत माह पूर्व तक केवल सामाजिक बुराई एवम अन्य के तहत कार्यवाही कर दिया जाता था। जिस पर भी विशेषत: लिखते हुए प्रभावी कार्यवाही हेतु छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनयम पर संज्ञान लेने को कहा गया था । जिसपर ध्यान देते हुए उक्त अधिनयम के तहत माह भर से किए गए समस्त कार्यवाही में इसका उपयोग किया गया है। जब से उक्त अधिनियम पर कार्यवाही शुरू हुई है तब से अवैध शराब जुआ सट्टा के कारोबारियों के हौशले पस्त है । जिले में अवैध शराब जुआ सट्टा के मामले अब कम होते नजर आ रहे है । लेकिन इतनी कार्यवाही के बाद भी जिले में अभी भी कारोबार फल फूल रहे है जिस पर प्रभावी कार्यवाही की अवश्यकता है । खासकर जुआ पर ध्यान देने की जरूरत है ।

क्या है छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध विधेयक 2022 विधानसभा में पारित हो गया है। इस नये अधिनियम में ऑनलाइन जुए को जोड़ा गया है। बता दें कि पहले अधिनियम में ऑनलाइन जुआ परिभाषित नहीं था। नए अधिनियम के तहत अगर कोई ऑनलाइन जुआ खिलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसे सात साल तक सजा हो सकती है। नए कानून में गैरजमानती धाराओं के जुड़ने से अब आरोपी को जमानत भी नहीं मिलेगी। इसके अलावा पुराने अधिनियम में तय किए गए जुआ खेलने वालों की सजा और जमानत राशि दोनों को भी बढ़ाया गया है।

गैरजमानती धाराएं भी जोड़ी गईं :

अधिनियम के संशोधन के पहले तक जुआ प्रतिषेध अधिनियम के सभी अपराध संज्ञेय तथा जमानती थे। वर्तमान अधिनियम में कार्रवाई के लिए कड़े प्रावधान करते हुए जुआ घर का स्वामी होना (धारा-4), जुआ खिलाना (धारा-6 ), ऑनलाइन जुआ खिलाना (धारा -7), विज्ञापन प्रतिषेध का उल्लंघन ( धारा-11 ) और कंपनी द्वारा अपराध ( धारा-12 ) को संज्ञेय तथा गैरजमानती अपराध बनाया गया है।

जिले में 52 परियों के खेल पर निषेध के लिए है मिशन फ्लश आउट की जरूरत :

सट्टे पर चल रहे जिला पुलिस के प्रभावी कार्यवाही के साथ साथ जिले में चल रहे ताश पत्ती के खेल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है । कवर्धा सहित जिले के लगभग 2 दर्जन से अधिक गांव में स्कूल की तरह रोज जुआ का खेल चलता है । बड़ी संख्या में जुआड़ी पैसे का दांव लगाने दूर दूर से
पहुंचते है ।

जुए के इस कारोबार में जिला मुख्यालय कवर्धा से 30-35 किमी दूर जंगलों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है यहां रोज 70 से 80 की बड़ी संख्या में जुआ खेलने दूर दूर से लंबी रकम के साथ पहुंचते है । इनका नेटवर्क इतना मजबूत है के आज तक पुलिस इन तक नहीं पहुंच पाई है ।

फोन से नही बताई जाती लोकेशन :

स्कूल की तर्ज में चलने वाले जिले के सबसे बड़े इस जुए के फड़ का लोकेशन रोज बदलता है । 100 100 किमी दूर से लोग यहां आते है। आने वाले जुवारियों को लोकेशन का नही पता होता है । पता होता है तो सिर्फ मिलने वाला व्यक्ति का नाम और उसका लोकेशन । फड़ में ले जाने के लिए अलग अलग चौक में अलग अलग एरिया से आने वालों के लिए फड़ के सरगना द्वारा अपने आदमी को खड़ा किया जाता है । जो उनको लोकेशन तक लेके जाता है ।

रसूखदारों का है मेला :

इस खबर को पढ़ने के बाद अगर आप 52 परियों के इस खेल में अपनी किस्मत आजमाने का सोच रहे है तो आपको बता दे के आपको वहा तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी क्युकी बिना स्कूल में एडमिशन के पढाई भला कैसे? और अगर आप वहा पहुंच भी गए तो 50-60 हजार की मोटी रकम के साथ ही जाना होगा क्युकी इस फड़ में केवल लंबे पैसे वालों और रसूखदारों को ही एंट्री मिलती है अब आप हमारी इस खबर से अंदाजा लगा लीजिए के 70-80 की संख्या में एक के पास 50-60 हजार की रकम के साथ लाखों का होता है खेल ।

जंगल में है मंगल :

पूरी फड़ जिला मुख्यालय से 30- 35 किमी दूर आस पास के अलग अलग लोकेशन पर जंगलों में चलता है जिस पर आज तक पुलिस की कार्यवाही शून्य है और साथ ही जंगलों में यदि कार्यवाही करने की पुलिस सोचती भी है तो पुलिस के पहुंचने से पहले ही उन्हे उनके प्वाइंटर पुलिस आने की सूचना दे देते है । जंगल का आड़ लेकर सारा खेल बंद कर पुलिस आने से पहले ही फड़ के लोग नौ दो ग्यारह हो जाते है । इसी कारण कार्यवाही के अभाव में फड़ के लोगो के हौसले बुलंद है । जिस पर मिशन फ्लश आउट की तर्ज पर पुलिस की कार्यवाही की अवश्यकता है ।

आखिर क्या है मिशन फ्लश आउट :

सिंघम मूवी के क्लाइमैक्स सीन की तरह, मिशन फ्लश आउट से हमारा तात्पर्य यह है की एक साथ बड़े पुलिस अधिकारी पूरे दल बल के साथ अगर सघन तलाशी के साथ उक्त पूरे क्षेत्र पर घेराबंदी करके कार्यवाही करे तब ही जिला मुख्यालय 30- 35किमी दूर जंगलों में चल रहे इस अवैध जुए के कारोबार के आरोपी पुलिस के गिरफ्त में होंगे और 52 परियों के इस खेल पर रोक लग पाएगा ।

अब देखना यह होगा की आखिर कबीरधाम पुलिस इस मिशन फ्लश आउट पर कब तक मुहर लगा पाती है ?

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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