
UNITED NEWS OF ASIA. भारती कौर, दुर्ग | संस्कृति एवं साहित्य शोध समिति मध्य प्रदेश द्वारा 2023- 24 में प्रकाशित कृतियों पर अलंकरण समारोह ‘ साहित्योत्सव प्रस्फुटन 2025’ का आयोजन दिनांक 9 फरवरी 2025 को बालाघाट में किया गया। साहित्य की सभी विधाओं पर जैसे – कविता ,कहानी, लघुकथा, छंद, दोहा विद्या,गजल विद्या,गीत विद्या हेतु भारत भर के साहित्यकारों की कृतियों पर शोध कार्य किया गया था। विजेता साहित्यकार को सम्मानित करने हेतु अलंकरण समारोह का भव्य आयोजन बालाघाट के सी. एम. राइज विद्यालय में किया गया।
विजेता साहित्यकारों के अतिरिक्त इस प्रतियोगिता में अपनी कृतियों को भेजने वाले सभी साहित्यकारों को संस्कृति एवं साहित्य शोध समिति ने ‘ साहित्य रत्न ‘ सम्मान देकर सम्मानित किया।
इसी संस्थान ने डॉ. शिरोमणि माथुर दल्ली राजहरा,जिला – बालोद को उनकी कृति ” लाये स्वर्ग धरा पर ” को छंद – दोहा विद्या हेतु स्व. श्री राम प्रसाद कसार विशारद स्मृति कबीर अलंकरण – 2025 से सम्मानित किया गया। उन्हें प्रसस्ती पत्र ,स्मृति चिन्ह, शॉल व श्रीफल से सम्मानित किया गया। सन् 2024 में प्रकाशित “लाये स्वर्ग धरा पर ” कृति 2111 दोहों की आध्यात्मिक कृति है। आध्यात्मिक कृति होते हुए यह कृति साहित्य जगत की अनूठी कृति है। इस ग्रन्थ को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से प्रमाण पत्र भी प्राप्त है। राजहरा सहित पूरे छत्तीसगढ़ के लिए यह गौरव की बात है।
अपनी अस्वस्थता के कारण डॉ. शिरोमणि माथुर इस अलंकरण को लेने बालाघाट नहीं पहुंच पाई , इसलिए दुर्ग के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रौनक जमाल जो इस सम्मान समारोह में शामिल होने बालाघाट गए थे,यह अलंकरण उन्होंने प्राप्त किया। डॉ. रौनक जमाल इस समारोह के प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि थे। समिति के पुस्तकालय का उद्घाटन व भारत के दस साहित्यकारों को सम्मानित करने का गौरव भी डॉ. रौनक जमाल जी को समिति के द्वारा दिया गया। इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अशोक सिहासने ‘ असीम ‘ रहे। डॉ. रौनक जमाल को भी समिति द्वारा स्मृति चिन्ह, प्रसस्ती पत्र व शॉल श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर मुक्त कंठ साहित्य समिति, दुर्ग एवं हस्ताक्षर साहित्य समिति दल्ली राजहरा के साहित्यकारों द्वारा एवं डॉ. माथुर के परिजनों, परिचितों व साहित्य प्रेमियों ने अनेक बधाईयां प्रेषित की है। नगर उनकी इस उपलब्धि पर गौरवान्वित है।













