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Double XL Movie Review: ‘भारी भरकम’ औरतों की ये हल्की-फुल्की कहानी अच्छी है, बस नई नहीं है…

डबल एक्सएल मूवी रिव्यू हिंदी में: सोनाक्षी सिन्‍हा और हुमा कुरैशी बॉलीवुड की दो ऐसी हीरोइनें हैं, जिनके वजन को लेकर अक्‍सर बातें हो रही हैं। ये दोनों बातें और तानों का जवाब देते हुए एक फिल्म ला रहे हैं, जिसका नाम ‘डबल एक्सल’ है। कहा मह‍िलाओं की सुंदरता को लेकर कई गाने-गजलें कही गई हैं, कई कीर्तमान गढ़ गए हैं, लेकिन ये बताई गई महिलाएं असल में बहुत कम होती हैं। ‘लक 28 कुड़ी दा और 47 वेट कुड़ी दा’ वाले इस दौर में ‘डबल एक्ससेल’ वो फिल्म है जो ‘परफेकट बॉडी’ वाली माहिलाओं के अन्य शरीर धारण करने वाली माहिलाओं की कहानी सामने शत्रु है। हालांकि इन दिनों बॉडी शेमिंग पर काफी बात हो रही है, कई तरह के विज्ञापन बन रहे हैं। तो क्या हुमा और सोनाक्षी की ये फिल्म आपको कुछ नई आती हैं, कुछ खास द‍िखा जाती है… चल‍िए आपको स्टेटमेंट हैं।

कहानी: ये कहानी है मेरठ में रहने वाली राजश्री त्रिवेदी (हुमा कुरैशी) और दिलीली में रहने वाली सायरा लागू (सोनाक्षी सिनिन्हा) की, जो ओवरवेट लड़कियां हैं। राजश्री पर क्रिकेट का जुनून है और वह 19 साल की उम्र से स्पोर्ट्स प्रजेंटर बनना चाहते हैं। उसी समय एक फैशन डिजाइनर हैं और वह अपना खुद का लेबल लेबल करना चाहते हैं। लेकिन इन ओवरवेट लड़कियों के लिए हर बार उनका वजन कम हो जाता है। राजश्री को वजन के चलते उसके स्पोर्ट्स चैनल में एंकर नहीं बनाया जाता और सायरा को उसका बॉयफ्रेंड चीट पकड़ता जाता है। लेकिन एक नजर पर ये दोनों माहिलाएं एक-दूसरे से मिलीती हैं और इन दोनों के सपने आपको में मिल जाते हैं। इसी यात्रा में शामिल हैं श्रीकांत (महत राघवेंद्र) और जोरावर रहमान (जहीर इकबाल) जो न केवल इन्हें साथ देते हैं बल्‍कि इन दो लड़कियों के वजन के अन्य उन्‍हें उनकी खूबसूरती द‍िखती है और इन्‍हें प्‍यार भी हो जाता है। अब ये दोनों ओवरवेट लड़कियां अपने डबल एकसमान आकार के सपने देख रही हैं या नहीं, यही आपको इस फिल्म में देखने को मिलेगी।

डबल एक्ससेल एक हल्की-फुल्की कॉमेडी फिल्म है, जिस में बॉडी शेमिंग जैसे जरूरी विषय को उभारा गया है। लेकिन ये कहानी कहीं भी कुछ ऐसा नहीं देखा या महसूस कर पाता हूं जो इससे पहले आपने नहीं देखा या सुना हो। कहानी की शुरुआत ठीक है लेकिन कुछ देर से कहानी थोड़ी खिंची से लगती है। कुछ सीन्स काफी अजीब हैं जिन में आप बहुत हसेंगे लेकिन कहानी में आश्चर्यजनक तत्व कहीं भी नहीं है। अगले सीन में क्या होगा या कहानी कहां जा रही है, ये आपको समझ में आएगा। पहली हाफ और सेकेंड हाफ में कॉमेडी का डोज लगभग बराबर मात्रा में आपको मिल जाएगा, जो एक अच्छी बात है इस फिल्म की।

क्रिकेट और सिनेमा ऑडियंस को हमेशा कहते हैं, जो इस फिल्म में भी देखने को मिलते हैं। इस फिल्‍म में आपको कपिल देव और ‍शिखर अवैध भी देखने को मिलेंगे। लेकिन कपिल देव के जैसा इंटरवीयू को फिल्म में इतना हाइप किया गया है, वो इंटरव्यू अगर सच में द‍िखाया जाता है, जो शायद फिल्‍म में एक नोट ऊपर जा सकता था, लेकिन ये कमी मुझे बहुत खटकी। दूसरी तरफ बॉडी टाइप के स्‍टीरियो टाइप को ब्रेकती ये फिल्‍म स्‍पोर्ट्स के नाम पर खुद ही स्‍टीरियो टाइप डिखा रही है। स्‍पोर्ट्स प्रमुख बनने का सपना देखें राजश्री पूरी फिल्‍म में बस क्रिकेट पर ही बोलती और बात करती है। जैसे कोल्डिंग का मतलब कोका कोला ही नहीं होता, वैसे ही स्पोर्ट्स का मतलब सिर्फ क्रिकेट ही नहीं होता… पर खैर।

एक्टींग की बात करें तो चारों ओर एक्‍टर अपनी जगह अच्‍छी नज़र आते हैं। सोनाक्षी और हुमा दोनों ने एक-दूसरे की खूब तारीफ की है। मुझे लगता है कि हुमा कुरैशी से आप काफी हद तक कनेक्ट महसूस करेंगे। हुमा की समस्या, उनका अंदाज काफी हास्यास्पद है। वहीं जहीर इकबाल एक प्यार करने वाला लड़का बन गया है, जिसका अंदाज आपको बिल्कुल अच्छा लगेगा। हालांकि मुझे जहीर के किरदार को देखकर लगा कि असली में कुछ तो इंट्रेस्टिंग निकलेगा, पर वैसा कुछ नहीं हुआ। महत राघवेंद्र दक्षिण के एक्‍टर हैं और उनकी भाषा तमिल है। उन्हें इसी अंदाज में फिल्म में भी रखा गया है जो काफी हद तक ठीक है। महत आपको जरूर पसंद आएगा।

इस हल्की फुल्की कहानी और मजेदार संदेश के लिए आपको ये फिल्म एक बार थिएटर में जरूर देखनी चाहिए। मेरी तरफ से इस फिल्म को 3 स्‍टारर

विस्तृत रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

टैग: हुमा कुरैशी, सोनाक्षी सिन्हा

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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