
UNITED NEWS OF ASIA. नेमिष अग्रवाल, डोंगरगढ़ | डोंगरगढ़ स्थित विश्व प्रसिद्ध माँ बम्लेश्वरी मंदिर की पहाड़ी पर आज शाम अचानक भीषण आग लग गई, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। घने जंगलों में भड़की इस आग ने विकराल रूप ले लिया है, जिससे पहाड़ी पर उठते धुएं के गुबार दूर-दूर तक दिखाई दे रहे हैं। आग की लपटें इतनी भयावह हैं कि इसे डोंगरगढ़ शहर के विभिन्न हिस्सों से भी साफ देखा जा सकता है। इस भयावह घटना से स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल व्याप्त है।
कैसे लगी आग? प्रत्यक्षदर्शियों का बयान
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहाड़ी की ऊँचाई पर पहले तेज़ रोशनी दिखाई दी, जो दूर से किसी चमकती हुई लाइट जैसी प्रतीत हो रही थी। लेकिन जब स्थानीय लोग नज़दीक पहुंचे, तो वहाँ आग की भयानक लपटें उठती नजर आईं। देखते ही देखते आग तेजी से फैलने लगी, जिससे मंदिर की पहाड़ी और उसके आसपास के जंगलों में भीषण तबाही का अंदेशा गहराने लगा।
प्रशासन सतर्क, राहत एवं बचाव कार्य जारी
आग लगने की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। दमकल विभाग और राहत दल मौके पर पहुंच चुके हैं और आग बुझाने के लिए युद्धस्तर पर अभियान जारी है। हालांकि, पहाड़ी इलाका दुर्गम होने के कारण राहत कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। आग पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग की टीमें लगातार पानी का छिड़काव कर रही हैं, वहीं प्रशासन ने अतिरिक्त सहायता के लिए अन्य एजेंसियों से भी संपर्क साधा है।
संभावित कारण: आगजनी या प्राकृतिक घटना?
फिलहाल आग लगने के स्पष्ट कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि यह किसी असामाजिक तत्व द्वारा लगाई गई हो सकती है। चूंकि माँ बम्लेश्वरी मंदिर छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, ऐसे में किसी शरारती तत्व की साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता। प्रशासन ने इस मामले की गहराई से जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
श्रद्धालु और स्थानीय लोग भयभीत, अफवाहों से बचने की अपील
इस घटना से न केवल स्थानीय निवासी, बल्कि मंदिर आने वाले श्रद्धालु भी चिंतित हैं। आग लगने की खबर फैलते ही कई श्रद्धालु मंदिर क्षेत्र में पहुंच गए, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सुरक्षा नियमों का पालन करें। साथ ही, मंदिर आने वाले भक्तों को फिलहाल सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
पर्यावरण को भारी नुकसान, वन्यजीवों पर संकट
माँ बम्लेश्वरी मंदिर की पहाड़ी हरे-भरे जंगलों से घिरी हुई है, जो कई वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास भी है। इस आगजनी के कारण पर्यावरण को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। आग के प्रभाव से पहाड़ी की जैव विविधता प्रभावित हो सकती है, साथ ही यहाँ रहने वाले जीव-जंतु भी संकट में आ सकते हैं। प्रशासन की टीमों को यह सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया है कि जंगलों में रह रहे वन्यजीवों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।
वरिष्ठ अधिकारी मौके पर, हाई अलर्ट जारी
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं और लगातार हालात पर नज़र बनाए हुए हैं। प्रशासन ने इलाके में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
आग बुझाने के लिए विशेष अभियान, ड्रोन से निगरानी
आग पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने विशेष रणनीति अपनाई है। ड्रोन कैमरों की मदद से आग की स्थिति पर नज़र रखी जा रही है और आग बुझाने की प्रक्रिया को और तेज किया जा रहा है। दमकल विभाग, वन विभाग और स्थानीय प्रशासन मिलकर संयुक्त रूप से इस भीषण आग को नियंत्रित करने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
जांच के आदेश, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
प्रशासन ने इस घटना की गहराई से जांच करने के आदेश दिए हैं। अगर आग किसी साजिश के तहत लगाई गई है, तो दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि आगजनी की इस घटना को हल्के में नहीं लिया जाएगा और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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