
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर । विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की हालिया राजनीतिक टिप्पणियों पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कड़ा विरोध जताते हुए उन्हें संविधान सम्मत दायित्वों की मर्यादा में रहने की नसीहत दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद निष्पक्षता और गरिमा का प्रतीक होता है, लेकिन डॉ. रमन सिंह बार-बार राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर बयानबाज़ी कर रहे हैं, जो संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध है।
वर्मा ने कहा कि ईडी कार्रवाई का समर्थन, भ्रष्टाचार के नाम पर सत्ताधारी दल के बचाव में बयान और अब पीडीएस सिस्टम को लेकर गैर-जिम्मेदार राजनीतिक बयानबाज़ी – यह सब विधानसभा अध्यक्ष के पद की गरिमा पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा कि रमन सिंह शायद अब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं भूल पाए, या फिर वे साय सरकार को स्वीकार ही नहीं कर पा रहे हैं।
“जब भूमिका बदल चुकी है, तो आचरण और भाषा में भी बदलाव आना चाहिए। लेकिन रमन सिंह जी का आचरण दिखाता है कि वे स्वयं को अभी भी सरकार का केंद्र मानते हैं,” — सुरेंद्र वर्मा, वरिष्ठ प्रवक्ता, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस।
“विष्णुदेव साय, रमन सिंह की गाय” नारा फिर हुआ प्रासंगिक?
वर्मा ने व्यंग्य करते हुए कहा कि जब विष्णुदेव साय पहली बार प्रदेश अध्यक्ष बने थे, “विष्णुदेव साय, रमन सिंह की गाय” जैसा नारा काफी चर्चित हुआ था। अब फिर से रमन सिंह के बयानों से ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान सरकार के असली संचालनकर्ता कहीं विधानसभा अध्यक्ष ही तो नहीं हैं?
तटस्थता पर उठे सवाल
कांग्रेस का कहना है कि यदि विधानसभा अध्यक्ष इसी तरह प्रतिपक्ष के खिलाफ राजनीतिक मोर्चेबंदी करते रहे, तो जनता के बीच सदन की निष्पक्षता और संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा डगमगाएगा। उन्होंने मांग की कि रमन सिंह को अपने पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए और राजनीतिक बयानबाज़ी से दूरी बनानी चाहिए।
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