
UNITED NEWS OF ASIA. बिलासपुर। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है। एनएसएस कैंप में जबरन नमाज पढ़ाने के मामले के शांत होने से पहले ही अब परिसर में बिना अनुमति मंदिर निर्माण को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। इस संबंध में भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष अमृत दास डहरिया ने कुलपति और कलेक्टर से शिकायत करते हुए निर्माण कार्य तत्काल न रोके जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
इससे पहले विश्वविद्यालय के एनएसएस कैंप में नमाज पढ़ाने का मामला सुर्खियों में रहा था। 26 मार्च से 1 अप्रैल तक चले कैंप में केवल 4 मुस्लिम छात्रों की मौजूदगी के बावजूद, 30 मार्च (ईद) के दिन अन्य छात्रों से जबरन नमाज पढ़ाने का आरोप लगा था। इसके विरोध में छात्रों ने कुलपति को हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया, जिसमें पुलिस से झड़प की भी खबर सामने आई थी।
प्रशासन की कार्रवाई और सवालों के घेरे में यूनिवर्सिटी
नमाज विवाद को गंभीरता से लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रो. दिलीप झा को एनएसएस समन्वयक पद से हटा दिया, और उनके स्थान पर प्रो. राजेंद्र कुमार मेहता को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। हालांकि, विवादों पर विश्वविद्यालय प्रशासन का रवैया सवालों के घेरे में है। न तो रजिस्ट्रार डॉ. अभय शंकर रणदिवे, और न ही मीडिया प्रभारी मानवेंद्र त्रिपाठी स्पष्ट प्रतिक्रिया देने में सक्षम नजर आए।
स्थानीय प्रशासन की सीमाएं और बढ़ती असहमति
चूंकि विश्वविद्यालय केंद्रीय संस्थान है, इसलिए स्थानीय प्रशासन के पास हस्तक्षेप की सीमित गुंजाइश है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन की निष्क्रियता और छात्रों से संवादहीनता, लगातार विवादों को जन्म दे रही है। बिना अनुमति के मंदिर निर्माण ने एक बार फिर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब देखना होगा कि कुलपति इस विवाद से निपटने के लिए कौन से कदम उठाते हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के विश्वास को बहाल करने में कितना सफल होता है।



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