
परवेज मुशर्रफ, पूर्व राष्ट्रपति, पाकिस्तान
रनकर : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को श्रद्धांजलि देने के मुद्दों पर पाकिस्तान के सीनेट में जबरदस्त हुक्म हुआ। परवेज मुशर्फ की लंबी बीमारी के बाद रविवार को दुबई की एक अस्पताल में मौत हो गई। पाकिस्तान की संसद में परंपरा है कि किसी देश के जानेमाने नेता या किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर संसद में ‘फातिहा’ पढ़ा जाता है। हालांकि, सोमवार को जब मुशर्रफ के लिए फातिहा रीडिंग की बात आई तो संसद के ऊपरी सदन सीनेट के सदस्यों ने एक-दूसरे पर संविधान का उल्लंघन करने वाले तानाशाही शासन का समर्थन करने का आरोप लगाया।
सीनेट में सर्वोच्च नेता और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता सीनेटर शहनाद वसीम पार्टी ने फातिहा पढ़ने का प्रस्ताव रखा, जिसका उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों ने समर्थन किया। हालांकि जब दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी के सीनेटर मुश्ताक अहमद तुर्किये भूकंप में मारे गए लोगों के लिए संयुक्त रूप से फातिहा रखते थे तो उन मुशर्रफ के लिए भी फातिहा पढ़ने को कहा, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह सिर्फ भूकंप में मारे गए लोगों के लिए फातिहा पढ़ेंगे। उनके मना करने के बाद सांसदों में आपस में काफी कहासुनी हुई
आज सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा
परवेज मुशर्रफ का पार्थिव शरीर दुबई से एक विशेष विमान सोमवार को यहां लाया गया और उन्हें मंगलवार को सेना के छावनी इलाके में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा, जहां सभी अधिकार कर लिए गए हैं। मुशर्रफ 2016 से (संयुक्त अरब अमीरात) में रह रहे थे और अमेरिकन हॉस्पिटल में इलाज कर रहे थे। मुशर्रफ की पत्नी सबा, बेटा बिलाल, बेटी और अन्य करीबी रिश्ते माल्टा एविएशन कंपनी के विशेष एयरबस 319 विमानों से पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे। इस विमान की व्यवस्था संयुक्त अरब अमीरात के अधिकाराधिकारियों ने की थी।
विमान भारी सुरक्षा के बीच जिंना हवाई अड्डे के पुराने टर्मिनल इलाके में उतरा और पार्थिव शरीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छावनी क्षेत्र में ले जाया गया। मालिर कैंट में तैयारियां पूरी तरह से ली गई हैं, जहां उन्हें कराची की पुरानी सेना कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। मगरीब की नमाज मालिर कैंट के गुलमोहर पोलो ग्राउंड में अदा की जाएगी। मुशर्रफ की मां दुबई में थीं, जबकि उनके पिता को कराची में दफनाया गया था।
मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट कर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपदस्थ कर दिया था। वह 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे। उनका जन्म 1943 में दिल्ली में हुआ था और 1947 में उनका परिवार पाकिस्तान चला गया था। वह पाकिस्तान पर शासन करने वाले अंतिम सैन्य तानाशाह थे। महासभा के बाद मुशर्रफ द्वारा ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के सूचना सचिव ताहिर हुसैन ने कहा कि सभी अधिकार कर लिए गए हैं।
प्रत्यय-एजेंसी
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