
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा ने डिजिटल ट्रांजिशन की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) से जुड़ने की घोषणा की है। इसके तहत, दिल्ली सरकार (GNCTD) ने भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता मौजूद रहे। इस पहल के साथ ही दिल्ली, NeVA को अपनाने वाला देश का 28वां राज्य बन गया है।
NeVA से क्या बदलेगा?
दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता के अनुसार, NeVA का समावेश पारदर्शी, डिजिटल और पेपरलेस विधायी प्रक्रिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “एक राष्ट्र, एक एप्लिकेशन” की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक और प्रयास है।
NeVA के लागू होने से:
- कागज रहित (पेपरलेस) विधानसभा होगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।
- विधायी प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी।
- सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से उपलब्ध होंगे, जिससे सदस्यों और सचिवालय के बीच बेहतर समन्वय होगा।
बीजेपी सरकार की 100 दिन की उपलब्धियों में एक महत्वपूर्ण कदम
स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने इसे दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के 100 दिन एजेंडे की बड़ी उपलब्धि करार दिया। उन्होंने कहा कि यह डिजिटल ट्रांजिशन पारदर्शी और तकनीक-संचालित शासन को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
NeVA के समावेश से दिल्ली विधानसभा विधायी प्रक्रियाओं के आधुनिकीकरण में एक मिसाल कायम करेगी, जिससे यह देश में डिजिटल गवर्नेंस का आदर्श मॉडल बन सकेगी।













