UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन, नगरी। ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर पिछड़ा वर्ग समाज द्वारा तीन जनवरी को नगरी विकासखंड में आयोजित महाबंद पूरी तरह सफल रहा। इस दौरान नगरी ब्लॉक के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर पिछड़ा वर्ग समाज को समर्थन दिया। इलाके में पुलिस प्रशासन ने चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी।
आरक्षण को लेकर आक्रोश
नगरी नगर पंचायत, जहां कुल 70% आबादी ओबीसी वर्ग की है, में केवल दो सीटें आरक्षित हैं। इसे लेकर पिछड़ा वर्ग समाज में गहरी नाराजगी है। उनकी मांग है कि आबादी के अनुपात में ओबीसी वर्ग को उचित आरक्षण दिया जाए।

सभा और रैली
महाबंद के दौरान बजरंग चौक में हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए, जिसमें महिला और पुरुषों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। सभा को पिछड़ा वर्ग समाज के नेताओं ने संबोधित किया और सरकार पर वादों में विरोधाभास का आरोप लगाया। नेताओं ने साफ कहा कि जब तक आबादी के अनुसार आरक्षण नहीं मिलेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
सभा के बाद एक रैली तहसील कार्यालय तक निकाली गई, जहां राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

बंद का व्यापक असर
महाबंद का असर नगरी ब्लॉक मुख्यालय के साथ आसपास के बड़े ग्राम पंचायतों जैसे साकरा, घठुला, सिहावा, बिरगुडी, बेलर में भी देखने को मिला। क्षेत्र के सबसे बड़े बाजार बोरई बाजार में भी बंद का असर रहा, जिससे उड़ीसा और बस्तर से आए व्यापारी और खरीदार मायूस होकर लौट गए।
प्रमुख हस्तियां रहीं मौजूद
इस आंदोलन में ओबीसी समाज के कई प्रमुख नेताओं और विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
उपस्थित प्रमुख नेताओं में शामिल थे:
- अंगेश हिरवानी (जिला अध्यक्ष, पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ)
- डीके यादव (यादव समाज अध्यक्ष)
- सखाराम साहू (तहसील अध्यक्ष, पिछड़ा वर्ग)
- आलोक सिन्हा (वरिष्ठ भाजपा नेता और अखिल भारतीय ओबीसी उपाध्यक्ष)
- अन्य समाजों के प्रतिनिधि जैसे अशोक देवांगन, अंजोर सिंह निषाद, यशकरण पटेल, और हरीश सारवा।
आंदोलन की अगली दिशा
सभा के दौरान यह चेतावनी दी गई कि अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानीं, तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। आंदोलनकारियों ने आरक्षण के लिए जारी संघर्ष को और अधिक व्यापक बनाने की बात कही।