
UNITED NEWS OF ASIA.अमृतेश्वर सिंह, रायपुर। आस्था, भक्ति और वैदिक परंपराओं से परिपूर्ण भगवान श्री जगन्नाथ जी के नेत्रोत्सव का आयोजन गायत्री नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को बड़े ही श्रद्धा भाव, उल्लास एवं पारंपरिक विधियों के साथ संपन्न हुआ।
यह आयोजन भगवान के 15 दिवसीय ‘अनवसर काल’ की पूर्णता पर किया गया, जिसमें भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा जी को पंचामृत स्नान कर ‘नेत्रान्जन विधि’ द्वारा उनके नेत्रों का पुनः उद्घाटन किया गया। यह परंपरा दर्शाती है कि भगवान अब स्वस्थ घोषित हो चुके हैं और भक्तों को पुनः दर्शन देने के लिए तत्पर हैं।
श्रद्धा और भक्ति का अनूठा संगम
नेत्रोत्सव के दौरान मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार, विशेष वेदपाठ, महाआरती, संकल्प पूजा, भजन-कीर्तन और महाप्रसाद का आयोजन किया गया, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु सहभागी बने। श्रद्धालुओं के लिए यह दिन भगवान के पुनः दर्शन का आध्यात्मिक पर्व बन गया।
रथयात्रा की तैयारियाँ पूर्ण
श्री जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा ने बताया कि नेत्रोत्सव केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि भगवान और भक्तों के मिलन का भावनात्मक क्षण है। उन्होंने यह भी बताया कि अब जब भगवान स्वस्थ हो चुके हैं, तो कल 27 जून को विशाल रथों में सवार होकर वे नगर भ्रमण को निकलेंगे।
इसके लिए रथ निर्माण, मार्ग सज्जा, सुरक्षा व्यवस्था, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और यातायात प्रबंधन सहित सभी आवश्यक तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं। मिश्रा ने रथयात्रा को आध्यात्मिक आरंभ बिंदु बताते हुए कहा कि इस दिन भगवान स्वयं नगरवासियों के बीच आकर उन्हें दर्शन और आशीर्वाद देते हैं।
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