
UNITED NEWS OF ASIA. श्रीदाम ढाली, कांकेर | पखांजूर ब्लॉक की चंदनपुर पंचायत अंतर्गत ग्राम शांतिनगर पी.व्ही. 70 में इस वर्ष की पहली ही बारिश ने वर्षों से उपेक्षित विकास की पोल खोल दी है। गांव की कच्ची सड़कों ने दलदल का रूप ले लिया है, जिससे पैदल चलना, बाइक चलाना तो दूर, मरीज़ों को अस्पताल ले जाना तक दूभर हो गया है।
बचपन से कीचड़ में पले-बढ़े बच्चे
गांव के बच्चे स्कूल तक पहुँचने से पहले कीचड़ में नहाते हैं, जूते और कपड़े गंदे होने के डर से कई बार स्कूल नहीं जा पाते। ग्रामीणों का कहना है कि हर साल यही स्थिति रहती है, लेकिन कोई स्थायी समाधान अब तक नहीं हुआ।
मरीजों की जान पर बन आती है
गांव में अगर किसी को बीमार पड़ जाए तो उसे अस्पताल पहुंचाने की चुनौती पहाड़ जैसी होती है। एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती, कीचड़ में फंस जाती है। ग्रामीणों को बांस-खाट पर मरीजों को ढोकर मुख्य सड़क तक लाना पड़ता है।
“हर चुनाव में वादा, हर साल वही कीचड़” – ग्रामीणों का आक्रोश
ग्रामीण देवजीत सरकार ने बताया –
“हर चुनाव में नेता पक्की सड़क का वादा करते हैं – कांग्रेस हो या भाजपा, सबने कहा… करेंगे। लेकिन आज तक कोई काम शुरू नहीं हुआ। अब हम तय कर चुके हैं, अगले चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे।”
प्रशासनिक लापरवाही या राजनीतिक उदासीनता?
ग्रामीणों के अनुसार, कई बार प्रशासन और पंचायत से लिखित अनुरोध किया गया लेकिन ना कोई निरीक्षण हुआ, ना टेंडर, ना सर्वे। जनप्रतिनिधियों के पास जाते हैं तो “देखते हैं” या “फंड नहीं है” जैसे रटे-रटाए जवाब मिलते हैं।
विकास पर उठते सवाल
चुनावों में सड़क, बिजली और पानी जैसे मुद्दे सबसे ज्यादा गूंजते हैं, लेकिन शांतिनगर जैसे गांवों की हालत यह दिखाती है कि वादों का जमीनी असर शून्य है। विकास के आंकड़े कागजों पर दिखते हैं, लेकिन गांव आज भी मूलभूत सुविधा—एक पक्की सड़क—के लिए तरस रहा है।
चेतावनी – अब नहीं तो कभी नहीं
गांव वालों ने स्पष्ट चेतावनी दी है:
“अगर इस बार भी सड़क नहीं बनी, तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे। हम कीचड़ में जीने को मजबूर हैं, नेता एसी गाड़ियों में घूमते हैं। अब और नहीं सहेंगे।”
शांतिनगर की सड़कें सिर्फ कीचड़ में नहीं धंसी हैं, बल्कि पूरे ग्रामीण तंत्र की निष्क्रियता और राजनीतिक उपेक्षा में भी फंसी हैं।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन और सरकार कब तक आंख मूंदकर बैठी रहती है, या ग्रामीणों की चेतावनी को गंभीरता से लेकर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।
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