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विवरण: महिला कल्याण विभाग में महिला कर्मचारियों से छेड़छाड़, अधिकारियों ने हाथ पकड़ की बदतमीजी की

कौशांबी। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में प्रोबेशन अधिकारियों की छेड़खानी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि ज़िला परिवीक्षा अधिकारी अनियमितताओं में संबंधित महिला कर्मचारियों से छेड़खानी कर रहे हैं। महिला कर्मियों का विरोध करने के बाद भी प्रोबेशन अधिकारी उससे काफी जबरदस्ती करते हैं।

छेड़खानी का वीडियो सामने आने के बाद डीएम सुजीत कुमार ने कार्रवाई के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। छेड़छाड़ का मामला विकास भवन स्थित जिला परिवीक्षा अधिकारी की निगाह है।

जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने घटना के संबंध में बताया, ‘जिला परिवीक्षा अधिकारी द्वारा संबंधित महिला कर्मचारी से छेड़खानी का वीडियो सामने आया है। कुछ अश्लील व्हाट्सएप चैट भी प्राप्त हुए हैं। विज्ञापन ईमेल नेटवर्क नेटवर्क में तीन सदस्यीय टीम एक्सेस कर मामले की जांच की गई है। जांच में प्रथम दृष्टया जिला परिवीक्षा अधिकारी दोषी पाए गए हैं।’

जिलाधिकारी ने कहा, ‘कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत पंचवर्षीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा गया है। इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक ब्रजेश श्रीवास्तव से बात कर पीड़ित महिला कर्मचारी के तहरीर पर जिला प्रोबेशन अधिकारियों के खिलाफ मंझनपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।’

आपको बतादें की जिला परिवीक्षा अधिकारी का पद सामान्य रूप से राज्य मानवाधिकार समाज कल्याण या महिला एवं बाल विकास विभाग में जिला स्तर पर जंप होता है। डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन ऑफिसर का पद गजेटेड स्तर होता है। न्यायालयों एवं करागारों से संपर्क करना, न्यायिक मजिस्ट्रेट से नियमित बैठक करना, ग्रामीण स्तर पर प्राथमिक छानबीन करना होता है। ऐसे में महिला अधिकारों की सुरक्षा की जिम्मा संभालने वाले परिवीक्षा अधिकारी की देखरेख में महिला कर्मी सुरक्षित नहीं है तो आप में बड़ा सवाल है।

टैग: उत्तर प्रदेश अपराध, उत्तर प्रदेश पुलिस

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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