कबीरधामछत्तीसगढ़

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा आज लेंगे भोरमदेव महोत्सव की तैयारियों का जायजा

उपमुख्यमंत्री  शर्मा भोरमदेव महोत्सव स्थल की तैयारियों का निरीक्षण बाद जिला प्रशासन के आलाअफसरों की बैठक लेकर महोत्सव की तैयारियो को और गति देंगे

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा । प्रदेश के उप मुख्यमंत्री  विजय शर्मा आज रविवार को छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक,पुरातत्विक, धार्मिक, पर्यटन एवं जन आस्था के महत्व के ऐतिहासिक धरोहर भोरमदेव महोत्सव की तैयारियों का निरीक्षण करने कबीरधाम जिले के भोरमदेव पहुंचेंगे।

इस दौरान वे महोत्सव स्थल का अवलोकन कर विभिन्न व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे। वर्ष 2025 का ऐतिहासिक पुरातत्व महत्व के स्थल दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का आयोजन 26 एवं 27 मार्च को होगा। इस महोत्सव के 27 मार्च को समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय होंगे, वही 26 मार्च को महोत्सव का शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह करेंगे।

उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा भोरमदेव महोत्सव के दोनों दिन शामिल होंगे। उपमुख्यमंत्री  शर्मा के निर्देश पर कलेक्टर  वर्मा ने आयोजन की तैयारियों से जुड़े सभी अधिकारियों को आज उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।

उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा आज अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दोपहर 12:50 बजे रायपुर स्थित अपने निवास से प्रस्थान कर पुलिस लाइन हेलीपैड, रायपुर पहुंचेंगे, जहां से वे हेलीकॉप्टर द्वारा कवर्धा के लिए रवाना होंगे। दोपहर 1:30 बजे वे न्यू पुलिस लाइन हेलीपैड, कवर्धा पहुंचकर भोरमदेव के लिए प्रस्थान करेंगे।

दोपहर 2:00 बजे वे भोरमदेव महोत्सव स्थल पर पहुंचकर कार्यक्रम की तैयारियों का निरीक्षण करेंगे। इसके पश्चात, वे 3:00 बजे कवर्धा लौटेंगे और 3:30 बजे रायपुर के लिए हेलीकॉप्टर से प्रस्थान करेंगे।

भोरमदेव महोत्सव, संस्कृति और परंपरा का अद्भुत संगम

भोरमदेव महोत्सव छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक है। यह आयोजन प्राचीन भोरमदेव मंदिर के समीप महोत्सव स्थल में होता है। इस बार के भोरमदेव महोत्सव के मंच में देश मे प्रख्यात शिव भजन गायक  हंसराज रघुवंशी आएंगे। इसके आलवा बॉलीवुड, छत्तीसगढ़ के अनगिनत प्रख्यात कलाकारों, लोग गायक, और स्थानीय कलाकारों को मंच दिया जाएगा।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक,पुरातत्व महत्व के स्थल भोरमदेव मंदिर को ‘छत्तीसगढ़ का खजुराहो’ भी कहा जाता है। मंदिर की स्थापत्य कला 11वीं शताब्दी के नागर शैली के मंदिरों से मेल खाती है और इसमें सुंदर शिल्पकारी के अद्भुत उदाहरण देखने को मिलते हैं।

महोत्सव के दौरान लोक कला, नृत्य, संगीत, और पारंपरिक छत्तीसगढ़ी संस्कृति से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह आयोजन न केवल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का कार्य करता है, बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने का भी केंद्र बनता है।

 विजय शर्मा के इस दौरे से महोत्सव की तैयारियों को गति मिलेगी और सुनिश्चित किया जाएगा कि आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हो। स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुरक्षा एवं सत्कार की सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करें।

भोरमदेव मंदिर: ऐतिहासिक धरोहर

भोरमदेव मंदिर का निर्माण फणीनागवंशी शासकों द्वारा 11वीं शताब्दी में किया गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसकी दीवारों पर उत्कृष्ट मूर्तिकला अंकित है। मंदिर के परिसर में प्राचीन शिवलिंग और अन्य ऐतिहासिक संरचनाएँ भी मौजूद हैं, जो इसकी धार्मिक एवं पुरातात्विक महत्ता को रेखांकित करती हैं।

भोरमदेव महोत्सव और मंदिर का ऐतिहासिक महत्व इसे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर में विशेष स्थान प्रदान करता है। उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के इस दौरे से महोत्सव की भव्यता और आयोजन की गुणवत्ता को और मजबूती मिलेगी।

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