
UNITED NEWS OF ASIA. कोरबा। कुसमुंडा खदान में हुए दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर खदान में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 11 मार्च को कोल वाशरी के M.P.T K.D.I कंपनी में बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम कर रहे 26 वर्षीय मजदूर किशन कुमार 25 फीट ऊंचाई से गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे के बाद खदान में हड़कंप मच गया।
आज, मृतक के परिजनों और मजदूरों ने कंपनी की लापरवाही के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। आक्रोशित मजदूरों का आरोप है कि कंपनी बिना सुरक्षा उपकरणों के जोखिम भरा काम करवाती है, जिससे आए दिन इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। प्रदर्शन के दबाव में आकर प्रबंधन ने मृतक के परिवार को मुआवजा राशि दी, लेकिन मजदूरों ने इसे पर्याप्त न बताते हुए सुरक्षा मानकों को लागू करने की मांग की।
बिना सुरक्षा उपकरणों के कराया जा रहा था काम
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, किशन कुमार बिना हेलमेट और सेफ्टी बेल्ट के वेल्डिंग कर रहा था, तभी हादसा हुआ। मजदूरों ने बताया कि अन्य कर्मचारियों को भी बिना सुरक्षा उपकरणों के ही खतरनाक काम करवाया जाता है। यह घटना कंपनी की लापरवाही को उजागर करती है।
मजदूरों का कहना है कि संबंधित विभाग सिर्फ कागजी कार्रवाई कर रहा है और जब तक किसी की जान नहीं जाती, तब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। उन्होंने सवाल उठाया कि “आखिर इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है?”
प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन, मुआवजा देने की घोषणा
मृतक के परिजनों और मजदूरों ने कंपनी के खिलाफ नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद प्रबंधन ने मुआवजा देने की घोषणा की। वहीं, कुसमुंडा थाना प्रभारी रूपक शर्मा ने बताया कि मामले में केस दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
खदानों में सुरक्षा नियमों की अनदेखी कब तक?
इस हादसे ने एक बार फिर खदानों में सुरक्षा नियमों के घोर उल्लंघन को उजागर कर दिया है। मजदूरों का कहना है कि यदि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम होते, तो किशन कुमार की जान बच सकती थी। अब सवाल यह उठता है कि क्या इस घटना के बाद खदानों में सुरक्षा मानकों को लागू किया जाएगा, या फिर यह भी एक और अनदेखी हादसे की तरह इतिहास बन जाएगा?













