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दिल्ली पुलिस को मिला आफताब और श्रद्धा का एक और वीडियो, आज जारी किया जा रहा है ‘फेस रिकग्निशन टेस्ट’

आफताब- इंडिया टीवी हिंदी

छवि स्रोत: फ़ाइल
आफताब

दिल्ली पुलिस को आफताब और श्रद्धा का एक वीडियो भी मिला है। इस वीडियो में आफताब की अटैचमेंट की जा रही है। ये वीडियो मुंबई का है।

पुलिस इसीलिए आज आफताब का फेस रिकग्नाइजेशन टेस्ट भी करवा रही है। इस टेस्ट में आफताब की 3डी इमेज ली जाएगी, जिससे किसी भी आफताब के बाद मुकर न पाए कि वो वीडियो में नहीं है।

क्या होता है फेस रिकग्निशन टेस्ट

फेस रिकॉग्निशन टेस्ट चेहरे की एक तकनीक होती है इस तकनीक में फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलोजी के जरिए किसी भी व्यक्ति के चेहरे के माध्यम से उसकी पहचान सुनिश्चित की जाती है। फेस रिकग्निशन टेक्नोलोजी का उपयोग करके फोटो, वीडियो या रियल टाइम में लोगों की पहचान की जा सकती है। एक शत की 3D छवि ली जाती है और ये छवि ठीक उसी कोण से ली जाती है जैसे कि किसी वृत्त में या सीसीटीवी में दिखाई दे रही हो।

इसके बाद सीएफएसएल के जानकार सीसीटीवी या वीडियो में उसका ग्रैब प्रदर्शन करते हैं और उसके बाद एक्ससेंट के ग्रैब और सीएफएसएल के जानकारों द्वारा लिया गया एक्ससेंट की फोटो को सीएफएसएल की कंप्यूटर फोरेंसिक लैब में भेजा जाता है। जहां CFSL के जानकार Amped नाम के सॉफ्टवेयर में दोनों तस्वीरों को अपलोड करते हैं। इसी Amped सॉफ्टवेयर के जरिए पता लगाया जाता है कि दोनों तस्वीरों में एक ही शख्स है या नहीं।

दो-तीन दिनों में आ जाता है फेस रिकग्निशन टेस्ट की रिपोर्ट

सूत्र के अनुसार फेस रिकग्निशन टेस्ट की रिपोर्ट 2 से 3 दिनों में आती है। क्योंकि दिल्ली पुलिस के पास से पहले आफताब का वीडियो है। अपरिचिता चेहरा टेक्नोलोजी का उपयोग करके आफताब का पहला रिकग्निशन टेस्ट पेश किया जा रहा है। परीक्षण में जो तस्वीर सामने आएगी, उसके वीडियो में मौजूद आफताब की तस्वीर से मिलान किया जाएगा। इसकी पुष्टि होगी कि वीडियो में दिख रहा शख्स आफताब ही है या नहीं। इसके अलावा आज आफ़ताब का वॉइस का सैम्पल भी CFSL लैब में जाने के लिए। दरअसल आफ़ताब का एक ऑडियो क्लिप दिल्ली पुलिस के हाथ लगता है इस ऑडियो क्लिप में आफताब श्रद्धा के साथ समा रहा है। अब दिल्ली पुलिस वॉइस ऑडिट के जरिए ये पुख्ता करना चाहती है कि जो ऑडियो क्लिप दिल्ली पुलिस को मिली है वो आफताब का ही है या नहीं।

क्या होता है वॉइस एडमिनिस्ट्रेटर टेस्ट?

वास्तव में जो ऑडियो क्लिप दिल्ली पुलिस को मिली है, वही सामग्री CFSL के अधिकारियों को लिखी जाती है और उन्हें पढ़ने के लिए कहा जाता है। उसके बाद सीएफएसएल के जानकार पंचांग के वॉइस सैम्पल का रिकॉर्ड बनाते हैं।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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