
दिल्ली सरकार का 2022-23 के लिए बजट का आकार 75,800 करोड़ रुपये और इससे पहले के वित्त वर्ष में 69,000 करोड़ रुपये था। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के इस्तीफे के बाद गहलोत को वित्त विभाग की जिम्मेदारी मिली थी।
दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का 78,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों के संबंध में और पदानुक्रमों पर विशेष ध्यान दिया गया है। दिल्ली सरकार का 2022-23 के लिए बजट का आकार 75,800 करोड़ रुपये और इससे पहले के वित्त वर्ष में 69,000 करोड़ रुपये था। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के इस्तीफे के बाद गहलोत को वित्त विभाग की जिम्मेदारी मिली थी।
अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा, ”अगर बजट मनीष सिसोदिया पेश करते हैं तो ज्यादा खुशी होती है, वह मेरे बड़े भाई की तरह हैं। यह बजट लोगों की आकांक्षाएं और उम्मीद की अभिव्यक्ति है।” गहलोत ने कहा कि यह स्वच्छ, सुंदर और आधुनिक दिल्ली को समर्पित बजट है, जिसमें अगले दस साल के दौरान 1,400 किलोमीटर के सड़क नेटवर्क की मरम्मत पर 19,466 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। राज्य सरकार ने विभिन्न वित्तीय रूपरेखा परियोजनाओं के लिए 2,034 करोड़ रुपये दिए गए हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार का यह लगातार नौवां बजट है। इस बार भी बजट में सबसे अधिक 16,575 करोड़ रुपये का कमाई क्षेत्र के लिए किया गया है।
गहलोत ने कहा, ”दिल्ली में जन्म के लिए तीन श्रेणियों को हटाने के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) को हर संभव मदद दी जाएगी। सभी कॉलोनियों को नालों से जोड़ा जाएगा और यमुना नदी की सफाई के लिए क्षतिग्रस्त जलशोधन संयंत्रों की क्षमता का विस्तार होगा।” बजट में स्थानीय निकाय को 8,241 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की गई। गहलोत ने जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत बजट में नौ योजनाओं का भी प्रस्ताव दिया।
उन्होंने कहा कि सड़क के नेटवर्क का दुरूपयोग और सौंदर्यीकरण करने वाले और 26 नए फ्लाईओवर स्थापित करने वाले हैं। साथ ही DMRC के सहयोग से तीन डबल-डेकर फ्लाईओवर प्रदान करेंगे। इसके अलावा, 1,600 ई-बसें चलाए गए सिस्टम, विश्व स्तरीय आईएसबीटी का निर्माण और यामा की सफाई की जाएगी। फ्लाईओवर की 26 परियोजनाओं में से 10 निर्माण के स्तर पर हैं जबकि 11 को लेकर योजना मंजूरी के लिए यूटीटीआईपीईसी (एकीकरण यातायात एवं परिवहन (योजना एवं अभियांत्रिकी) केंद्र) को अतिसंवेदनशील किया गया है।
गहलोत ने कहा कि केंद्रीय करों में दिल्ली का बड़ा योगदान होने के बावजूद केंद्र उसे 325 करोड़ रुपए दे रहा है। उन्होंने घोषणा की, ”ओखला लैंडफिल को दिसंबर, 2023 तक हटा दिया जाएगा, भलस्वा में इस स्थल पर मार्च, 2024 तक, गाजीपुर में दिसंबर, 2024 तक हटा दिया जाएगा। दिल्ली सरकार का लक्ष्य दो साल में जन्म की तीन पंक्तियों को हटाना है। लैंडफिल को फ्लैट करने के लिए एमसीडी को 850 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।” अंत अंत तक संपर्क के लिए मोहल्ला बस योजना शुरू करने की घोषणा भी बजट में की गई।
वित्त मंत्री ने कहा, ”मौजूदा समय में दिल्ली में 7,379 बस चल रही हैं। 2023 के अंत तक यहां 1,900 ई-बसें होंगी जिनसे कार्बन का लेनदेन होगा और 1.07 लाख टन की कमी आएगी। आँकड़े।” अगले वित्त वर्ष के लिए इस योजना के मद में 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है।
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