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दिल्ली सरकार के बजट (दिल्ली बजट 2023) को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली सरकार (दिल्ली सरकार) का वार्षिक बजट 2023-24 केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा चुना गया है। गृह मंत्रालय (गृह मंत्रालय) की ओर से इस बारे में दिल्ली सरकार को जागरूक भी किया गया है। आसान हो कि दिल्ली के बजट के कुछ झटकों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से विरोध किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बारे में सरकार दिल्ली से स्पष्ट मांगा था। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सेंटर के कदम को गुंडागर्दी करार दिया था।
दिल्ली सरकार का बजट आज मंगलवार को विधानसभा में पेश किया गया था लेकिन ठीक एक दिन पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर बजट रोकने का आरोप लगाया था। उन्होंने एक टीवी चैनल के प्रोग्राम में कहा था कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी सरकार के बजट पर रोक लगा दी गई है। बजट टालने से केंद्र और सरकार दिल्ली में नया टकराव शुरू हो गया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दूसरे दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ‘दिल्ली का बजट नहीं रोकने’ की अपील करते हुए सियासी सरगर्मी बढ़ाई थी।
शाहिद ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि बीते 75 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी राज्य के बजट को रोका गया है। आप दिल्ली वालों से नाराज क्यों हैं? आपसे हाथ जोड़कर अनुरोध है कि दिल्ली का बजट रोकें। दिल्ली के लोग आपके बजट को मंजूरी देते कीश रहते हैं। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री के झूठ केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जमा भी जारी किए गए थे। राजनिवास सूत्रों ने सीएम केजरीवाल के संबंधों को लेकर करार देते हुए पूरे वाके के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की थी।
राजनिवास सूत्र ने बताया था कि LG ने 2023-2024 के वार्षिक वित्तीय विवरण को नौ मार्च को कुछ आकर्षण के साथ देते हुए फाइल को भेज दिया था। इसके बाद दिल्ली ने सरकार गृह मंत्रालय को एक पत्र भेजकर बजट पर राष्ट्रपति की ओर देखें। यह कानूनन जरूरी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 17 मार्च को बजट के कुछ मर्ज पर आपत्ति जताते हुए दिल्ली सरकार से स्पष्ट देने को कहा था। एलजी ऑफिस का कहना था कि उसे 17 मार्च से ही दिल्ली सरकार के जवाब का इंतजार है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्र का कहना था कि मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से केवल स्पष्टीकरण मांगा है।