दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सुरक्षा में भारी चूक का मामला सामने आया है। संसद भवन पर हमले की तिथि पर ही लोकसभा की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक। बुधवार 13 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो युवक दर्शकदीर्घा से सदन के बीच कूद गए। सदन में युवक ने स्प्रे बम भी फेंका। इस पूरे घटना क्रम में 6 लोगों के शामिल होने की अब तक पुष्टी हो चुकी है।
आरोपियों की गिरफ्तारी –
संसद में उत्पात मचाने वालों की मदद करने वाले को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अब छठे आरोपी ललित की तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि पांचवे आरोपी विशाल ने ही सागर, मनोरंजन, अनमोल और नीलम को 12 दिसंबर को गुरुग्राम स्थित अपने घर पर पनाह दी थी। इन चारों की निशानदेही पर विशाल की गिरफ्तारी हो पाई।
सांसद प्रताप सिम्हा के कहने पर बना दर्शक पास –
लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता वाली जांच समिति में अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य और विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। सदन के भीतर कूदने वाले दोनों युवकों सागर शर्मा और मनोरंजन ने मैसुरु के सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर दर्शक दीर्घा में प्रवेश के लिए पास बनवाए थे। इन्हें लगभग एक दर्जन सांसदों ने घेरकर पकड़ा, थोड़ी पिटाई भी की और फिर सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया।
आरोपियों का पनाहगाह –
13 दिसंबर को लोकसभा की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों की मदद करने के आरोप में पुलिस ने 5वें संदिग्ध विशाल शर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया है। उसे पुलिस की टीम ने सागर और उसके अन्य साथियों की मदद से गुरुग्राम से पकड़ा। बताया जा रहा है कि 12 दिसंबर की रात को ये सभी विशाल के ही फ्लैट में रुके थे। यही सभी ने आगे की प्लानिंग की। सभी ने योजनाबद्ध तरीके से अपने-अपने काम बांट लिए।
घटना की प्लानिंग –
इन सभी की प्लानिंग थी कि अगर वे पकड़े जाते हैं तो ललित सारे सबूत लेकर मौके से फरार हो जाएगा। बताया जा रहा है कि ललित ही सागर, मनोरंजन, नीलम और अनमोल के फोन और अन्य कुछ सामान लेकर फरार हुआ। दिल्ली पुलिस को इसी की तलाश है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और 452 के तहत मामला दर्ज किया है।