
सिंह ने पांच में उन्नत प्रौद्योगिकी रक्षा संस्थान (डैडएटी) के 12वें दीक्षांत समारोह को संदेश देते हुए कहा कि रक्षा उपकरण पर रिकॉर्ड भारत की सामरिक स्वायत्तता में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
रक्षा मंत्री घोषणा सिंह ने सोमवार को कहा कि देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता जरूरी है। सिंह ने पांच में उन्नत प्रौद्योगिकी रक्षा संस्थान (डैडएटी) के 12वें दीक्षांत समारोह को संदेश देते हुए कहा कि रक्षा उपकरण पर रिकॉर्ड भारत की सामरिक स्वायत्तता में बाधा उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, ”आत्मनिर्भरता के बिना, हम अपने राष्ट्रीय योजनाओं के वैश्विक मुद्दों पर स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकते। हम जितना अधिक उपकरण आयात करेंगे, उसका हमारे व्यापार संतुलन पर उतना अधिक विरोध प्रभाव पड़ेगा। हम शुद्ध सामग्री के बजाय शुद्ध संभावना बनने का लक्ष्य रखते हैं। इससे न केवल उद्योग-धंधे मजबूत होंगे, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।” सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भरता का मतलब दुनिया से आजादी नहीं है।
उन्होंने कहा, ”आज विश्व एक वैश्विक गांव बन गया है और अलग-अलग रहना संभव नहीं है। आत्मनिर्भरता का उद्देश्य अपने मित्र देशों की सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करते हुए अपनी क्षमता से आवश्यक उपकरण/प्लेटफ़ॉर्म रहने वाली सशस्त्र सेना की सुंदरता को पूरा करना है।” उन्होंने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा लगाए गए कदमों की बात की, जिसमें सशस्त्र बलों के लिए चार सकारात्मक स्वदेशीकरण की घोषणा शामिल है। इसमें 411 प्रणालियां/उपकरण शामिल हैं।
सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा इनोवेशन के क्षेत्र में विशेष जोर दिया जा रहा है, भारत स्टार्ट-अप के लिए दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय को लगातार नवोन्मेशी विचार मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, ”डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज के पिछले सात संस्करणों में 6,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो दस्तावेज करता है कि भारतीय स्टार्ट-अप रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की संभावनाओं में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। अधिक पेटेंट दायर किए जा रहे हैं, जो नए कौशल का संकेत है।” सिंह ने कहा कि भारत राइफल, ब्रह्मोस मिसाइल, लाइट फाइटर एयरक्राफ्ट और स्वदेशी विमानवाहक पोत का निर्माण खुद कर रहा है।
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में रक्षा दावा कई दोहरा वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान लगभग 16,000 करोड़ रुपये हो गया है, जो 2014 में 900 करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि भारत कई देश रक्षा उपकरण की जिम्मेदारी ले रहे हैं, जिनमें से कई देशों की विनिर्माण क्षमता में रुचि और विश्वास दिखा रहे हैं। सिंह ने 2047 तक, समृद्ध, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए देश की पूरी क्षमता का उपयोग करने का आह्वान किया।
मंत्री ने अनुसंधान को उन्नत प्रौद्योगिकी में गतिविधियों को गति देने और भारत को साइबर और अंतरिक्ष से संबंधित संबंध प्रबंधन से निपटने में पूरी तरह से सक्षम बनाने के लिए प्रगति हासिल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और युद्ध के तरीके तेजी से विकसित हो रहे हैं और अनुपयोगी युद्ध से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति करने की जरूरत है, जिसे आज दुनिया के पारंपरिक तरीकों के अलावा देख रहे हैं। सिंह डियाटी के चांसलर भी हैं। दीक्षांत समारोह के दौरान मंत्री ने 283 छात्रों को डिग्री प्रदान की, जिनमें 261 एम.टेक/एम.एससी छात्र और विभिन्न विषयों के 22 छात्र शामिल हैं।
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