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ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि रक्षा समझौता ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझेदारी’ को मजबूत करता है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि एक बैठक के दौरान इस पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
ब्रिटेन और जापान के नेता बुधवार को एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, जिसके तहत दोनों देशों में एक दूसरे के सैनिकों को रोका जा सकता है। ताइवान को लेकर चीन के बढ़ते आक्रामक रुख की चिंताओं के बीच दोनों देश सैन्य संबंध को मजबूत कर रहे हैं। ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि रक्षा समझौता ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझेदारी’ को मजबूत करता है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि एक बैठक के दौरान इस पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
इस समझौते पर कई सालों से काम चल रहा था और जब किशिदा मई में लंदन यात्रा पर आए थे तो उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से इस बारे में बात की थी। यूरोपीय संघ के साथ जापान के इस पहले समझौते का नाम ‘रेसिप्रोकल ऐक्सेस’ समझौता है जो दोनों देशों को संयुक्त सैन्य अभ्यास करने की अनुमति देता है। ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि वह G-7 देशों के दोनों सशस्त्र बलों को बड़े और जटिल सैन्य अभ्यास और आश्रितों की योजना बना रही है और उन्हें अमलीजामा पहनावा की अनुमति प्रदान करती है।
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