छत्तीसगढ़सुकमा

आयोग के कार्यों को लेकर दीपिका शोरी ने की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से वन-टू-वन चर्चा

218 कार्यकर्ता, सुपरवाइजर और महिला सखी सेंटर अधिकारी हुए शामिल

UNITED NEWS OF ASIA. कृष्णा नायक, सुकमा। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सदस्य और अधिवक्ता दीपिका शोरी ने शुक्रवार को सुकमा जिला मुख्यालय स्थित विवेकानंद हॉल में महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना स्तर की बैठक ली। इस बैठक में जिले भर से पहुंची 218 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर, डीपीओ, सखी सेंटर अधिकारी सहित महिला सशक्तिकरण से जुड़ी सभी प्रमुख अधिकारी उपस्थित थीं।

बैठक का मुख्य उद्देश्य महिला आयोग के कार्यों, शक्तियों और जिम्मेदारियों के संबंध में जमीनी स्तर पर काम कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जागरूक करना और उनकी स्थानीय समस्याओं पर सीधी बातचीत करना रहा।

 “गलत के खिलाफ अब चुप न रहें” – दीपिका शोरी

आयोग सदस्य दीपिका शोरी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा –

“आप सभी समाज की पहली पंक्ति की कार्यकर्ता हैं। यदि किसी महिला या किशोरी के साथ किसी भी प्रकार का शोषण, उत्पीड़न या अन्याय हो रहा है, तो उसे तत्काल महिला आयोग तक पहुंचाएं। आयोग निष्पक्ष रूप से न्याय दिलाने का काम करता है।”

दीपिका ने स्पष्ट किया कि यदि कोई महिला शासकीय कार्यालय में प्रताड़ना का शिकार हो रही हो, तो वह एक सादे कागज में शिकायत लिखकर आयोग तक पहुंचा सकती है, उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

 वन-टू-वन संवाद ने खोले क्षेत्रीय मुद्दों के द्वार

बैठक में आयोग सदस्य ने प्रत्येक सेक्टर की कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत संवाद किया। कई कार्यकर्ताओं ने अपनी क्षेत्रीय समस्याओं और बाधाओं को बेझिझक साझा किया।

बोडको, फूल बगड़ी जैसे दूरस्थ क्षेत्रों से आई महिलाओं ने बताया कि पहली बार किसी अधिकारी ने उन्हें आयोग की शक्तियों और कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

“हमें महिला आयोग के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा। अब अगर हमारे क्षेत्र में कोई पीड़िता होगी, तो हम शिकायत दर्ज कराने से नहीं हिचकिचाएंगे।” — कार्यकर्ता की प्रतिक्रिया

कानून का दुरुपयोग न हो – दीपिका की सख्त हिदायत

दीपिका शोरी ने महिला अधिकारों के साथ कानून के दुरुपयोग पर भी चेताया।

“कई बार देखा गया है कि महिलाएं झूठे आरोप लगाकर निर्दोष पुरुषों को फंसाती हैं। हमें यह समझना होगा कि महिला आयोग का उद्देश्य न्याय दिलाना है, न कि किसी को गलत तरीके से सजा दिलाना। कानून का दुरुपयोग किसी भी सूरत में नहीं होना चाहिए।”

 नाबालिग बेटी को भगाने के मामले में पहुंचे अभिभावक

बैठक के दौरान ही सुकमा जिले के एक ग्रामीण दंपती अपनी 14 वर्षीय आदिवासी नाबालिग बेटी को उड़ीसा के युवक द्वारा बहला-फुसला कर भगाने की शिकायत लेकर दीपिका शोरी के पास पहुंचे।
माता-पिता ने बताया कि आरोपी युवक सुकमा में एक मुस्लिम व्यक्ति की वेल्डिंग दुकान में कार्य करता था।

“हमें पता चला था कि महिला आयोग की सदस्य दीपिका शोरी यहां आई हैं, इसलिए अपनी बेटी के न्याय की गुहार लगाने सीधे उनसे मिलने आ गए।” — बालिका के पिता

दीपिका ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी बेटी को न्याय अवश्य मिलेगा और उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

डीपीओ विस्मिता पाटले ने की अपील

बैठक को संबोधित करते हुए डीपीओ विस्मिता पाटले ने कहा कि

“हम सिर्फ पोषण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि प्रोटेक्शन के क्षेत्र में भी लगातार काम कर रहे हैं। महिला आयोग की सदस्य द्वारा साझा की गई सभी बातों का पालन करें और यदि कोई समस्या हो, तो तत्काल विभाग को सूचित करें।”

 इनकी रही प्रमुख उपस्थिति:

  • प्रमिला सिंह – महिला संरक्षण अधिकारी

  • शांति सेठिया – मिशन समन्वयक

  • डालिमा गौर – सखी सेंटर केंद्र प्रशासक

  • ज्योति नायडू, मनीषा शर्मा – बाल संरक्षण अधिकारी

  • रश्मि चंद्रवंशी और महिला एवं बाल विकास विभाग की समस्त टीम

 


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