छत्तीसगढ़

हिड़मा एंड गैंग’ के खिलाफ निर्णायक लड़ाई, सुरक्षाबलों ने खींची रणनीतिक घेरेबंदी

UNITED NEWS OF ASIA.  जगदलपुर/बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर सुरक्षाबलों ने अब तक का सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन शुरू किया है। मंगलवार सुबह से चल रहे इस संयुक्त अभियान में करीब 5 हजार से अधिक जवान मोर्चा संभाले हुए हैं। माओवादी संगठन के बटालियन नंबर-1 के शीर्ष नक्सली लीडरों – हिड़मा, देवा, सहदेव और केशव – को घेर लिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक, 100 से अधिक सशस्त्र नक्सली कांकेर पुजारी और गलगम की पहाड़ियों में छिपे हुए हैं, जिनमें PLGA और कंपनी नंबर-1 के कैडर शामिल हैं। मुठभेड़ लगातार दोनों तरफ से भीषण फायरिंग के साथ जारी है।

दो जवान घायल, हेलिकॉप्टर से भेजा गया भोजन-पानी

अब तक मिली जानकारी के अनुसार, मुठभेड़ के दौरान दो जवान घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए हेलिकॉप्टर से रायपुर रेफर किया गया है। मुठभेड़ स्थल की दुर्गम स्थिति को देखते हुए जवानों को हवाई मार्ग से खाद्य सामग्री और पानी उपलब्ध कराया गया है। बीजापुर से अतिरिक्त फोर्स भी मौके पर रवाना की गई है।

ग्रेहाउंड्स और STF की संयुक्त कार्रवाई

इस ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ पुलिस की विशेष टास्क फोर्स (STF), डीआरजी, CRPF और तेलंगाना की ग्रेहाउंड्स फोर्स मिलकर काम कर रही है। सूत्रों का कहना है कि यह माओवादी संगठनों के खिलाफ हाल के वर्षों का सबसे सटीक और बड़ी रणनीति वाला अभियान है।

ऑपरेशन का उद्देश्य: माओवादी शीर्ष नेतृत्व का सफाया

अधिकारियों का मानना है कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य माओवादी बटालियन नंबर-1 के शीर्ष नेतृत्व को नेस्तनाबूद करना है। हिड़मा जैसे दुर्दांत नक्सलियों की लंबे समय से तलाश की जा रही थी, और यह ऑपरेशन एक निर्णायक मोड़ ले सकता है।

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