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रेडियोटीवी की खबर के अनुसार, मृत की यह संख्या चक्र से सबसे अधिक प्रभावित इन प्रांतों की है, जबकि देश के अन्य हिस्सों में चक्र के कारण हुई जनहानी के बारे में नामित जानकारी खींची जाती है। वहीं, सेना द्वारा संचालित सरकार ने कहा है कि 400 से अधिक मौत के दावों वाले आंकड़े ”झूठे” हैं।
म्यांमा में पिछले सप्ताहांत आए चक्रीय ‘मोखा’ से कम से कम 145 लोगों की मौत हो चुकी है और 1.85 लाख से अधिक इमारतों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। सरकारी टेलीविजन ‘रेडियोटीवी’ पर शुक्रवार को प्रसारित खबर से यह जानकारी मिली है। रेडियोटीवी की खबर के अनुसार, मृत की यह संख्या चक्र से सबसे अधिक प्रभावित इन प्रांतों की है, जबकि देश के अन्य हिस्सों में चक्र के कारण हुई जनहानी के बारे में नामित जानकारी खींची जाती है। वहीं, सेना द्वारा संचालित सरकार ने कहा है कि 400 से अधिक मौत के दावों वाले आंकड़े ”झूठे” हैं।
पिछले रविवार को बंगाल की खाड़ी में बने चक्रीय मोखा ने बांग्लादेश और पश्चिमी म्यांमार के मुख्य प्रांत को छू लिया था, जिससे किसी भी क्षेत्र में तेज हवाएं चल रही थीं साथ ही भारी बारिश हुई थी। टेन प्रांत की बैठक के पास टकराए इस चक्र के कारण इलाके में लगभग 209 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं तेज हो गईं। हालांकि, सोमवार को देश के अलग-अलग हिस्से की तरफ बढ़ते हुए यह कमजोर बादलों में फैला हुआ हो गया। मानवीय मामलों के समन्वय से जुड़े संयुक्त राष्ट्र (संरा) कार्यालय ने कहा है कि सभी संबंधित प्रांत में बड़े पैमाने पर घर और रूपरेखा समझौते हो गए हैं।
उन्होंने कहा, “क्षेत्र में आश्रय, स्वच्छ जल, भोजन सहायता और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की आवश्यकता है।” संरा कार्यालय ने कहा, “बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जलजनित बीमारियों के प्रसार और डायोटाइटी सुरंगों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।” टिन प्रांत म्यांमा में दशकों से जातीय संघर्ष का केंद्र है। संरा कार्यालय ने कहा, “चक्रवात का असर देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में भी महसूस हुआ, जहां बड़ी संख्या में घर या तो इकट्ठे हुए या बह गए। तेज हवाएं और बारिश ने काचिन प्रांत में विकल्पों के शिविरों को भी भारी नुकसान पहुंचेगा।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।
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