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मध्य प्रदेश में दो आदिवासियों की मौत कांग्रेस की विधानसभा में हड़कंप मच गया, बहिर्गमन

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि समुदाय के लोगों के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है और जब समुदाय के लोगों ने इसके विरोध में महू के डोंगरगांव पुलिस चौकी का अपमान किया, तो पुलिस ने उन पर गोलियां चलायीं जिनमें 25 वर्षीय आदिवासी की छाती पर गोली लगने से मौत हो गई ।

इंदौर के महू तहसील में पुलिस की गोली लगने से हुई आदिवासी युवक और उसी समुदाय की एक मौत की मौत के मामले को लेकर कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में हुकूमत की और सरकार को विरोध करने वाले दावों से बहिर्गमन किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि समुदाय के लोगों के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है और जब समुदाय के लोगों ने इसके विरोध में महू के डोंगरगांव पुलिस चौकी का अपमान किया, तो पुलिस ने उन पर गोलियां चलायीं जिनमें 25 वर्षीय आदिवासी की छाती पर गोली लगने से मौत हो गई ।

वहीं, सरकार का कहना है कि प्रथम दृष्ट्या इस मामले में मौत की वजह से मौत की वजह से पूछताछ हुई है, जबकि डोंगरगांव पुलिस चौकी के घोटालों के दौरान पूरी घटना की मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया गया है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य और पूर्व मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने दलित जिले की मौत का आरोप लगाया आरोप लगाया कि सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई है और जब उसके समुदाय के सदस्यों ने महू के डोंगरगांव पुलिस चौकी का अपमान किया, तो पुलिस ने उन पर गोलियां चलाईं जिससे एक आरोपी ने आरोप लगाया की मौत हो गई। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और पूर्व पृष्ठ कमलनाथ ने भी इस मुद्दे को उठाया।

सिंह ने दावा किया कि महिला के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई और जब नाराज आरोपी समुदाय के सदस्यों ने इस मुद्दे पर विरोध किया और पहचान को पकड़ना चाहा, तो पुलिस ने शूटिंग कर दी और एक आरोपी युवक की हत्या कर दी और कई अन्य घायल हो गए। उन्होंने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से इस मुद्दे पर बयान दिया की मांग की। हालांकि, मिश्रा ने इस घटना को दुखद करार दिया और कहा कि घटना में दो तरह की बातें सामने आईं।

उन्होंने कहा, जैसा कि एक नेता ने प्रतिपक्ष ने कहा और दूसरा यह कि आकर्षक महिला एक व्यक्ति के साथ रह रही थी और बिजली की रॉड से पानी गर्म करते समय उसे वजह लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि इस महिला की मौत के विरोध में डोंगरगांव पुलिस चौकी का घेराव कर रहे हैं, वहां पर पथराव किया गया, जिसमें 13 लोग घायल हुए। मिश्रा ने कहा कि शून्यकाल के बाद इसकी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी और उसके बाद सरकार की ओर से इस पर बयान दिया जाएगा।

इसके बाद कांग्रेस के सदस्य शांत हो गए और प्रश्नकाल चले। प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद जैसे ही शून्यकाल शुरू हुआ, कांग्रेसी रुख ने एक बार फिर इस मुद्दे को उठाया। इस पर मंत्री मिश्रा ने बयान देते हुए कहा कि शुरुआत में जांच में सामने आया कि इस हादसे की मौत की वजह लुकिंग हुई है, जबकि पुलिस ने भीड़ से बचने के लिए शूटिंग की थी, जिसमें एक युवक की जान चली गई थी। उन्होंने कहा कि महू में हुई इस घटना के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।

मिश्रा ने कहा कि संवेदनशील विषय पर कांग्रेस की राजनीति ठीक नहीं है। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पुलिस को कमर के नीचे गोली चलाने के निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन उसने इस युवक के सीने पर गोली मारी है। कांग्रेस विधायक साढौ ने आरोप लगाया कि पुलिस लाठीचार्ज कर सकती है, सीधे गोली मार सकती है। कांग्रेस सदस्यों ने सरकार से दोनों मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये तथा उनके परिवार के एक-एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग की।

इसके बाद कांग्रेस के विधायक और भाजपा के सदस्यों में नोकझोंक होती रही और कांग्रेस विधायक आसियान के पास अटका कर कहने लगे कि प्रदेश में आदिवासियों को गोली मारी जा रही है। इस पर मंत्री मिश्रा ने कहा, ”अपना परिचय दिया है। क्या कांग्रेस सदन नहीं चाहता है?” बाद में इसके नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि यह सरकार घृणित विरोधी है। इसके विरोध में हम बहिर्गमन कर रहे हैं। इसके बाद कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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