
एएनआई
बुधवार को लिखे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि पुलिस और विशेष जांच दल के दावे से उनका परिवार ‘पूरी तरह से स्तंभ और निराश है’, जो दो सप्ताह से प्राथमिक दर्ज करने से ‘इनकार’ कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि पत्र की एक प्रति उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुंबई के पुलिस आयुक्त विवेक फणसालकर को भी नोटिस गई है।
इंडियन टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (आईआईटी) बंबी के छात्र दर्शन सोलंकी के पिता ने महाराष्ट्र के नंबर एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उनके परिवार को उनके बेटे की मौत के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस के दबाव का सामना करना पड़ रहा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। बुधवार को लिखे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि पुलिस और विशेष जांच दल (एसआईटी) के दावे से उनके परिवार ”पूरी तरह से स्तंभ और निराश हैं”, जो दो सप्ताह से प्राथमिक दर्ज करने से ”इनकार” कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि पत्र की एक प्रति उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुंबई के पुलिस आयुक्त विवेक फणसालकर को भी नोटिस गई है।
गुजरात के अहमदाबाद के निवासी और बीटेक (केमिकल) पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी ने इस वर्ष 12 फरवरी को संस्थान परिसर में स्थित एक भवन की इमारत की सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। उनके परिवार ने दावा किया है कि उन्हें घूंघट जाति (एससी) समुदाय से संबंधित होने के कारण नामांकनबी में भेदभाव का सामना करना पड़ा और उनकी मौत के पीछे साजिश की आशंका है। हालांकि, संस्था द्वारा नौकरशाही जांच समिति ने जाति-आधारित भेदभाव को खारिज कर दिया और उसके खराब प्रदर्शन को आत्महत्या का कारण बताया।
दर्शन के पिता रमेश सोलंकी ने अपने पत्र में कहा, ”आपको सूचित किया जाता है कि मैं अपने बेटे की मौत के मामले में 16 मार्च की अपनी शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए अपने परिवार के साथ मनपा से पवी पुलिस गया था था। हमारे अनुरोध के बावजूद पवी पुलिस थाना ने यह कहकर प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया कि मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, इसलिए वे प्राथमिक दर्ज नहीं कर सकते हैं और आवश्यक कार्रवाई के लिए एसआईटी को शिकायत भेज देंगे।’ ‘ उन्होंने कहा कि उस समय एक पुलिस उपायुक्त (DCP) का रवैया सहयोगात्मक नहीं था और उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए उनके अनुरोध पर विचार करने से इनकार कर दिया। छात्रों के पिता ने यह भी आरोप लगाया कि जब परिवार ने एसआईटी से संपर्क किया तो उन्होंने भी सहयोग नहीं किया। उन्होंने कहा, ”हम पुलिस और एसआईटी के अधिकारी पूरी तरह से स्तब्ध और निराश हैं, जो लगभग दो सप्ताह से प्राथमिक दर्ज करने से इनकार कर रहे हैं।… उनके आचरण से हमारा भरोसा टूटा है।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।
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