छत्तीसगढ़दंतेवाड़ा

Dantewada News : दंतेवाड़ा जिले के गमावाडा एवं धुरली और भांसी मे पोषण माह 2024

सुपोषण योजना के तहत बच्चों को दिए जा रहे हैं मिलेट मल्टीग्रेन’’ दलिया

UNITED NEWS OF ASIA. असीम पाल,  दंतेवाड़ा। जिले में कुपोषण और एनीमिया बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य में एक बड़ी समस्या रही है और मिलेट्स (मोटे अनाज) एक संपूर्ण पोषक आहार के रूप में कुपोषण और एनीमिया से बचाव हेतु सहायक सिद्ध हुआ है इसमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, और कई विटामिन्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये बच्चों के शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और वे बेहतर ढंग से शारीरिक और मानसिक रूप से विकसित होते हैं।

मिलेट्स में आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ मांसपेशियों के विकास में मदद करते हैं ऊर्जा का अच्छा स्रोत होने के अलावा मिलेट्स में अधिक मात्रा में फाइबर होने के कारण यह बच्चों के पाचन तंत्र को सुधारता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखता है।

कुपोषण की समस्या से जूझ रहे दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्रों में, मिलेट दलिया ने बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर किया है। यह पौष्टिक दलिया बच्चों के लिए संपूर्ण आहार साबित हो रहा है, जिससे उनकी वृद्धि और विकास में सहायता मिल रही है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि मिलेट्स में पाए जाने वाले ’’एंटीऑक्सिडेंट्स’’ और ’’विटामिन्स’’ बच्चों की ’’इम्युनिटी’’ को मजबूत करते हैं, जिससे वे बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं।

इसके मद्देनजर कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के मार्गदर्शन एवं नोडल अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जयंत नाहटा के विशेष पहल पर सुपोषण योजना के तहत एक अनूठी पहल की गई है। जिसमें आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को ’’मिलेट मल्टीग्रेन’’ (मिलेट्स, जैसे रागी, कोदो, कोसरा, बाजरा, ज्वार आदि) से बना दलिया दिया जा रहा है। यह ’’मिलेट मल्टीग्रेन दलिया’’ नियद नेल्लानार के ग्राम गमावाड़ा एवं धुरली के भांसी आंगनबाड़ी केंद्र में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने के समय अर्थात 3 बजे के आसपास खिचड़ी या हलवा के रूप में बनाकर दिया जाता है।

दोपहर 3 बजे बच्चों को ’’मिलेट मल्टीग्रेन दलिया’’ दिये जाने का मुख्य उद्देश्य इस तथ्य पर निर्धारित किया गया है कि आंगनबाड़ी केन्द्र से प्राप्त गर्म भोजन व घर में मिलने वाले शाम के भोजन के बीच जो ’’न्युट्रिशनल गैप’’ अर्थात पोषण अन्तराल होता है उसे पौष्टिक आहार के माध्यम से पूर्ति किया जा सके। इससे आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की उपस्थिति बढ़ने के साथ-साथ ईसीसीई गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए भी कारगर साबित हुआ है।

यह ’’मिलेट मल्टीग्रेन’’ दलिया स्थानीय स्व सहायता समूहों के माध्यम से प्रदाय किया जा रहा है। बच्चों को मिलेटर्स दिये जाने से आंगनबाडि़यों में सुपोषण योजना को सफलता मिल रही है। मिलेट आधारित दलिया को मिड-डे मील के रूप में शामिल किया गया है।

बच्चों और उनके माता-पिता से मिले सकारात्मक फीडबैक ने इस योजना की सफलता को और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाया है और बच्चों में पहले की तुलना में अधिक ऊर्जा, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और शारीरिक विकास में तेजी देखी गई है। इस प्रकार ’’मिलेट मल्टीग्रेन दलिया’’ बच्चों में न केवल कुपोषण व एनीमिया में कमी लाया है बल्कि बच्चों को एक स्वस्थ और सुरक्षित परिवेश की ओर ले जाने वाला एक पूरक आहार साबित हुआ है।

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