
UNITED NEWS OF ASIA असीम पाल, दंतेवाड़ा। प्रशासन के कार्यों को अधिक पारदर्शी बनाने एवं शासन की विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन करने के उद्देश्य से छ.ग. शासन द्वारा दिनांक 26 जनवरी 2004 से प्रत्येक ग्राम पंचायत में विकेन्द्रीकृत ग्रामीण जनदर्शन एवं सचिवालय की स्थापना की गई है।
इस तारतम्य में कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देशानुसार विकेन्द्रीकृत ग्रामीण जनदर्शन एवं सचिवालय के अन्तर्गत ग्राम स्तर के प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु आज सम्पूर्ण जिले में विकेन्द्रीकृत ग्रामीण जनदर्शन एवं सचिवालय का आयोजन किया गया।
स्व शासन हेतु पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत ग्राम पंचायत में स्वशासन की अवधारणा के अंतर्गत 29 विषय निर्धारित किये गये है। जिसका क्रियान्वयन विभिन्न विभागों के द्वारा किया जाता है। इसके मद्देनजर विकेन्द्रीकृत ग्रामीण जनदर्शन एवं सचिवालय के संचालन एवं मॉनिटरिंग हेतु जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतों के लिए नोडल अधिकारी का दायित्व सौंपा गया था।
जिला प्रशासन के निर्देशानुसार विकेन्द्रीकृत ग्रामीण जनदर्शन एवं सचिवालय में प्राप्त आवेदन पत्रों का पंजीयन तथा स्थानीय कर्मचारियों की बैठक व्यवस्था उनकी उपस्थिति का लेखा-जोखा रखने का दायित्व ग्राम पंचायत सचिव का रहेगा। ग्राम पंचायत सचिव की अनुपस्थिति में उक्त दायित्वों का निर्वहन पटवारी के द्वारा किया जायेगा।
विकेन्द्रीकृत ग्रामीण जनदर्शन एवं सचिवालय की बैठक में आज ग्राम पंचायत के सरपंच, उप सरपंच, पंच एवं संबंधित पंचायत के पदाधिकारी सचिवालय के कामकाज को देखने के लिए उपस्थित थे तथा संबंधित विभाग से प्राप्त आवेदन का निराकरण किया गया। विकेन्द्रीकृत ग्रामीण जनदर्शन एवं सचिवालय में प्राप्त आवेदनों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए सचिवालय में आए हुए ग्रामीणों को कार्यवाही से लिखित अवगत कराई गई।
इसके अलावा ग्राम पंचायतों द्वारा संधारित 16 प्रकार के पंजियों एवं मनरेगा अंतर्गत संधारित समस्त प्रकार की पंजियों के साथ-साथ पलायन पंजी संधारण व अद्यतन होने की समीक्षा भी की गई। विकेन्द्रीकृत ग्रामीण जनदर्शन एवं सचिवालय में मनरेगा एवं अन्य योजनाओं की मजदूरी भुगतान, मस्टररोल वाचन, पेंशन भुगतान, मितानिन मानदेय, राशन दुकान के भंडारण एवं राशन कार्ड धारियों को समय पर सही मात्रा में वितरण का कार्य के अलावा अन्य सामयिक गतिविधियां, टीकाकरण, पलायन, शिक्षा, मौसमी बीमारी एवं स्वच्छता पर जागरूकता हेतु चर्चा तथा स्वच्छता अभियान अंतर्गत साफ-सफाई एवं श्रमदान जैसे गतिविधियों पर भी फोकस किया गया।
विकेन्द्रीकृत ग्रामीण जनदर्शन एवं सचिवालय में प्राप्त ऐसे आवेदन पत्र जिनका निराकरण ग्राम पंचायत स्तर पर नहीं किया जा सके उन आवेदन पत्रों पर जनपद पंचायत, अनुभाग स्तर पर कार्यवाही 1 सप्ताह के भीतर सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देशित किया गया। इस क्रम में विकेन्द्रीकृत ग्रामीण जनदर्शन एवं सचिवालय में कुल लगभग 668 आवेदनों प्राप्त हुए। जिनमें 257 आवेदन तत्काल निराकृत किए गये।



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