- प्राचार्य को नोटिस, सोमवार को हो सकती है निलंबन की कार्रवाई
- महामंत्री विमल, अनिल कर्मा ने कहा स्कूली बच्चों को भी नहीं छोड़ा
UNITED NEWS OF ASIA. असीम पाल, दंतेवाड़ा। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता छविन्द्र कर्मा की तत्परता के चलते स्कूली बच्चे एक बड़े ठग से बच गए। मामला स्वामी आत्मानंद शासकीय उच्चर माध्यमिक स्कूल दंतेवाड़ा में स्कूल फीस के नाम पर वसूली से जुड़ा हुआ है। मामला उजागर होने के बाद आनन-फानन में प्राचार्य बीबी चक्रवर्ती ने बच्चों को फीस वापस कर दी।
जानकारी देते हुए छविन्द्र कर्मा ने बताया कि सूचना मिली कि बिना किसी आदेश के प्राचार्य द्वारा बच्चों से स्कूल फीस के नाम पर 450 रूपए लिया जा रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए छविन्द्र कर्मा के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई, जिसमें कांग्रेस कमेटी के महामंत्री विमल सलाम, सरपंच संघ के अध्यक्ष अनिल कर्मा, मनीष ठाकुर, जितेन्द्र कश्यप शामिल थे। टीम ने स्कूल पहुंच बच्चों से मुलाकात की व वस्तु स्थिति की जानकारी ली। निरीक्षण में पाया गया कि प्राचार्य द्वारा बिना किसी आदेश से स्कूल फीस के नाम पर पैसे लिए गए हैं।
कर्मा ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी के संज्ञान मामला लाया जिसके बाद प्राचार्य ने तत्काल बच्चों को पैसा वापस कर दिया। शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते छविन्द्र ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है।
शहर के बीच संचालित स्कूल में इतने बड़े ठग का अंजाम दिया जा रहा है तो अंदरूनी इलाकों के स्कूलों की स्थिति के बारे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। कांग्रेस शासन में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने आत्मानंद स्कूल की स्थापना की गई थी, जिसमें सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का वादा भी शामिल है। भाजपा सरकार आते ही अवैध वसूली शुरू हो गई है।
जिला कांग्रेस के महामंत्री विमल सलाम ने कहा कि हमनें बच्चों से मुलाकात की। बच्चों ने बताया अचानक फीस वापस किया जा रहा है कुछ समझ नहीं आ रहा है। पिछले तीन साल पहले फीस नहीं लिया जाता था अचानक साल भर से फीस लिया जा रहा है। सलाम ने बताया कि मामला उजागर होने के बाद प्राचार्य की हालत खराब है।
बिना बड़े अधिकारियों के संरक्षण के वसूली नहीं जा सकती है। इस सरकार में सब मिली भगत है। सरपंच संघ के अध्यक्ष अनिल कर्मा ने भी इस मामले में कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि सरपंच संघ बच्चों से वसूली सरपंच संघ बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेगा। संघ के अन्य पदाधिकारी अब हर ब्लॉक के स्कूलों में जाकर ऐसे मामले की जानकारी लेगें।
अनिल ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी को प्राचार्य के विरूद्व कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की अवैध वसूली ना की जाए। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि प्राचार्य को नोटिस देने तीन दिवस के भीतर जवाब देने कहा गया है साथ ही निलंबन की कार्रवाई हेतु पत्र संचानालय भेजा जा रहा है, जल्द ही निलंबन की कार्रवाई भी होगी।