
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | रायपुर साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए रायपुर रेंज में साइबर शील्ड चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन के तहत एक बड़ी कामयाबी पुलिस को मिली है। 3 नाइजीरियन स्टूडेंट करोड़ों की ठगी के आरोपी निकले। ये तीनों रायपुर की ही निजी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई भी करते हैं।
इन तीनों विदेशी छात्रों ने ठगी के पैसे भी देश से बाहर भेजे हैं। पुलिस ने साइबर फ्रॉड के अलग-अलग मामलों में 8 महिलाओं समेत 62 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। ऑपरेशन शील्ड को खुद IG अमरेश मिश्रा चला रहे हैं। कि, इस बार म्यूल बैंक अकाउंट की जांच के बाद एक्शन लिया गया है।
अकाउंट मालिक को मंथली या कमीशन बेसिस पर रुपए
मिश्रा ने आगे बताया कि जानकारी मिली कि इनमें से ज्यादातर अकाउंट दूसरे लोग साइबर ठगी के पैसों के लेनदेन के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके बदले वे लोग अकाउंट मालिक को मंथली या कमीशन बेसिस पर रुपए दिया करते थे। पुलिस ने इन आरोपियों की लोकेशन और तकनीकी इनपुट के आधार पर धरपकड़ शुरू की।
राजस्थान और ओडिशा के भी ठग
पुलिस जांच में रायपुर के एक निजी यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे 3 विदेशी नाइजीरियन स्टूडेंट भी ठग निकले। IG के मुताबिक, इन्होंने ठगी के रुपए विदेशों में भी भेजे थे। पुलिस ने बशीर सुलेमान, अमीनू गरबा, अब्दुल अजीज को हॉस्टल से गिरफ्तार किया है। इसके अलावा पुलिस ने दूसरे राज्यों से भी गिरफ्तारी की है।
अलग-अलग मामलों में अलग-अलग भूमिका निभाने वाले राजस्थान, ओडिशा समेत छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव और महासमुंद से भी आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में ऐसे कई लोगों से पूछताछ की जा रही है जिन्होंने ठगों को कमीशन बेसिस पर अपने खाते उपलब्ध करवाए थे।
देशभर के थानों में इनसे जुड़े 1435 केस दर्ज
इन आरोपियों ने बैंक अकाउंट खुलवाने, फर्जी शेयर ट्रेडिंग, क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक केवाईसी के बहाने लोगों से ठगी की। जिसकी 1435 शिकायतें अलग-अलग राज्यों की पुलिस के पास पहुंची।
इस मामले में 100 से अधिक पुलिसकर्मियों की 20 टीमें बनाकर पुलिस ने कई अलग-अलग ठिकानों पर रेड मारी। पुलिस ने आरोपियों के खाते में करीब 2 करोड़ रुपए होल्ड कराए हैं। जबकि आरोपियों ने करीब 85 करोड रुपए ठगी की है।
रायपुर के 7 केस भी खुले…
- पहला मामला, भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित भारतीय साइबर अपराध केंद्र के पोर्टल में शिकायत पहुंची। जिसमें उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक के खाते में खुले कई म्यूल अकाउंट ऐसे थे जिसमें अलग-अलग राज्यों से ठगी की रकम पहुंची थी। इस मामले में सिविल लाइन थाने में केस दर्ज किया गया। इसमें 47 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
- उमाकांत वर्मा ने गुढ़ियारी थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसमें उन्होंने बताया कि गूगल रिव्यू टास्क के बहाने उनसे 50 लाख रुपए की ठगी की गई। इसमें 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
- विधानसभा थाने में अतुल अग्रवाल ने शिकायत दी। उसने बताया कि शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के बहाने 19 लाख रुपए की ठगी की गई। इसमें 5 आरोपी गिरफ्तार हुए।
- पूजा साहू ने आजाद चौक थाने में शिकायत दी। इसमें डीएड एडमिशन फॉर्म फीस के नाम से 48 हजार रुपए वसूल किए। 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
- एमवीएसएस लक्ष्मी ने पंडरी में रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आई। क्राइम ब्रांच मुंबई का पुलिस वाला बताकर डिजिटल अरेस्ट किया। उसने 24 घंटे वॉट्सऐप वीडियो कॉल में जुड़े रहने बोलकर 58 लाख रुपए वसूल कर लिए। इस मामले की जांच करते हुए रेंज साइबर थाना रायपुर ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
- इसी तरह जितेंद्र साहू ने शेयर ट्रेडिंग के बहाने साढ़े 8 लाख रुपए वसूल लिए गए। उसने टिकरापारा में शिकायत दी, जिसमें 3 आरोपी गिरफ्तार हुए।
- डॉक्टर अविनाश ढोले से क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्ट कर मुनाफा के बहाने ढाई लाख रुपए वसूल कर लिए गए। इस मामले में एक आरोपी गिरफ्तार हुआ है।
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साइबर ठगी या क्राइम से बचने के लिए किस तरह की सावधानियां बरतें?
- किसी के साथ भी अपने अकाउंट की डिटेल्स शेयर न करें। अपना ATM का नंबर या चार अंकों का पिन न बताएं।
- अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का पासवर्ड हमेशा स्ट्रॉन्ग रखें। अपर केस, लोवर केस, न्यूमैरिक्स नंबर और स्पेशल कैरेक्टरर्स को मिलाकर पासवर्ड बनाएं। जैसे- @sDeh/20$1, A@eiOu/190$, D@skHa/120$
- अगर बहुत जरूरी न हो तो सोशल साइट्स पर अपनी निजी जानकारी शेयर न करें। अनजान लोगों की रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने से बचें।
- बैंक की डिटेल्स के लिए अगर कोई फोन, ई-मेल या मैसेज करे तो जानकारी शेयर न करें। किसी भी तरह का संदेह होने पर बैंक जाकर संपर्क करें।
- अपने ATM या Gmail, Facebook, Instagram के पासवर्ड को कुछ महीनों के बाद चेंज करते रहें।
- अगर कोई और आपको पैसा भेजना चाहता है तो उसे आपके UPI पिन की जरूरत नहीं होती है। किसी को UPI पिन ना बताएं। अगर आप किसी लिंक के जरिए पेमेंट करना चाहते हैं तो पेमेंट के पहले की जानकारी और किसे पैसे भेज रहे हैं ये सभी बातें पढ़ लें।
- कई बार साइबर फ्रॉड मोबाइल का रिमोट एक्सिस मांगते हैं। जिससे कि वो आपके मोबाइल को दूर कहीं बैठकर ही ऑपरेट कर सकें। इसलिए कभी भी किसी को भी मोबाइल का एक्सिस न दें।
- कोई भी ऐप इंस्टॉल होने के बाद आपसे कुछ परमिशन मांगता है। जैसे कि लोकेशन, कैमरा, फोटो और वीडियो। लोग जल्दबाजी में बिना देखे ही OK करते जाते हैं। ऐसा करने से बचें। किसी भी ऐप की गाइडलाइंस को ध्यान से पढ़ें।
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