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कोर्ट की कार्यवाही के वीडियो क्लिप्स से भ्रामक प्रचार – जस्टिस गवई ने दिए सख्त निर्देश के संकेत

UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई (Bhushan Ramkrishna Gavai) ने कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के गलत इस्तेमाल पर गहरी चिंता व्यक्त की है। जस्टिस गवई ने कहा कि यूट्यूबर्स और कंटेंट क्रिएटर्स कोर्ट की सुनवाई के वीडियो क्लिप्स को संदर्भ से बाहर काटकर पेश कर रहे हैं, जिससे न्यायिक चर्चाओं का गलत अर्थ निकाला जा रहा है। उन्होंने इस पर सख्त दिशा-निर्देश की मांग की है ताकि न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा बनी रहे।

केन्या में उठाई चिंता

जस्टिस गवई ने यह टिप्पणी केन्या में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की, जहां वे कोर्ट में टेक्नोलॉजी के उपयोग पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायिक प्रणाली में लाइव स्ट्रीमिंग के गलत उपयोग के कई मामले सामने आए हैं। जस्टिस गवई ने कहा,

अनधिकृत कंटेंट से न्यायिक रिकॉर्डिंग पर असर

जस्टिस गवई ने कहा कि यूट्यूबर्स और अन्य कंटेंट क्रिएटर्स कोर्ट की कार्यवाही के क्लिप्स को अपने चैनल पर अपलोड कर रहे हैं और इसे मुद्रीकरण (Monetization) के जरिए लाभ कमा रहे हैं। इससे कोर्ट की बौद्धिक संपदा (Intellectual Property) और न्यायिक रिकॉर्डिंग के अधिकारों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

मुख्य न्यायाधीश बनने की दौड़ में हैं जस्टिस गवई

गौरतलब है कि जस्टिस गवई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने की दौड़ में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर दिशा-निर्देश बनाए जाने जरूरी हैं ताकि किसी भी तरह की भ्रामक और भड़काऊ सामग्री पर रोक लगाई जा सके।

एआई को लेकर जताई नैतिक चिंता

इसके अलावा, जस्टिस गवई ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग को लेकर भी सावधानी बरतने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि केस मैनेजमेंट, लिस्टिंग और शेड्यूलिंग के लिए एआई के उपयोग से प्रशासनिक कामकाज में सुधार हुआ है, लेकिन इसके कानूनी शोध में उपयोग से नैतिक और कानूनी चिंताएं खड़ी हो रही हैं।

क्या हो सकते हैं नए दिशा-निर्देश?

  • कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग के वीडियो को बिना अनुमति के उपयोग करने पर प्रतिबंध।
  • कोर्ट की कार्यवाही के किसी भी हिस्से के संपादन और मुद्रीकरण पर सख्ती।
  • वीडियो क्लिप्स के संदर्भ से बाहर उपयोग पर कानूनी कार्रवाई।

 अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या सख्त कदम उठाता है और लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर किस तरह के नए दिशा-निर्देश जारी करता है।

 


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