छत्तीसगढ़

CSVTU कुलपति चयन प्रक्रिया पर छाया अविश्वास का संकट छत्तीसगढ़ के तकनीकी सपनों पर मंडराता सवाल

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | छत्तीसगढ़ का एकमात्र तकनीकी विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (CSVTU), भिलाई, इन दिनों विवादों और अनिश्चितताओं के घेरे में है। पिछले 10 महीनों से विश्वविद्यालय नियमित कुलपति के बिना संचालित हो रहा है। वहीं अब सर्च कमेटी की पारदर्शिता और चयन प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

सपनों के विश्वविद्यालय में साज़िश की स्याही?

15 जनवरी 2025 को गठित प्रारंभिक सर्च कमेटी में देश के प्रतिष्ठित तकनीकी विशेषज्ञ शामिल थे:

  • प्रो. एच.पी. किंचा (कर्नाटक स्टेट इनोवेशन काउंसिल)

  • प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा (निदेशक, IIT दिल्ली)

लेकिन 6 जून को यह कमेटी अचानक भंग कर दी गई और नई समिति का गठन कर दिया गया, जिसमें शामिल हैं:

  • प्रो. रेणु राजगुरु (ENT विशेषज्ञ, AIIMS रायपुर)

  • सुयोग्य कुमार मिश्रा (सेवानिवृत्त IAS अधिकारी)
    कमेटी के अध्यक्ष के रूप में प्रो. अशोक पुराणिक (AIIMS गुवाहाटी) को यथावत रखा गया है।

प्रश्न यह है 

क्या तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति चयन में तकनीकी विशेषज्ञों की भूमिका को हाशिये पर डालना विधिसम्मत है?

उम्मीदवारों की पात्रता पर गंभीर सवाल

11 जुलाई को बुलाए गए 10 उम्मीदवारों में से—

  • डॉ. मोहनलाल अग्रवाल कुलपति पद की न्यूनतम अर्हता (10 वर्ष प्रोफेसर पद पर सेवा) पूरी नहीं करते।

  • डॉ. आर.एन. खरे पूर्व में आर्थिक अनियमितताओं के आरोप में निलंबित, FIR दर्ज, और अब भी जांच के दायरे में हैं।

ऐसे में यह सवाल उठता है:

क्या यह नियुक्ति प्रक्रिया योग्यता से अधिक संपर्कों पर आधारित है?

एक दिशा-विहीन संस्थान

200 एकड़ में फैला यह विश्वविद्यालय, जो छत्तीसगढ़ की तकनीकी आकांक्षाओं का प्रतीक है, इस समय शैक्षणिक और प्रशासनिक दोनों ही स्तरों पर शून्यता से जूझ रहा है।

  • परीक्षाएं नियमित नहीं हो रही

  • शोध व नवाचार ठप पड़े हैं

  • दीर्घकालिक शैक्षणिक दृष्टि का अभाव है

CSVTU को स्थायी नेतृत्व की जरूरत है — आज, अभी।

छात्रों-शिक्षकों की तीन प्रमुख मांगें

छत्तीसगढ़ के छात्र, अभिभावक, शिक्षक और तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोगों की स्पष्ट मांगें:

  1. कुलपति चयन प्रक्रिया की पुनर्समीक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित हो।

  2. चयन समिति में तकनीकी क्षेत्र के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों को ही शामिल किया जाए।

  3. ऐसे कुलपति की नियुक्ति हो जिसकी नैतिकता, योग्यता और दूरदृष्टि पर कोई संदेह न हो।

दिशा, दृष्टिकोण और नेतृत्व की पुकार

“एक विश्वविद्यालय केवल ईंट-पत्थरों से नहीं बनता, वह बनता है दृष्टिकोण, दिशा और दूरदर्शिता से।”

CSVTU को स्थायी और सक्षम नेतृत्व मिलना ही चाहिए — क्योंकि छत्तीसगढ़ का तकनीकी भविष्य दांव पर है।

 


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